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प्रेमानंद महाराज को किडनी देने की पेशकश पर ट्रोलिंग के बाद अब राज कुंद्रा ने दी प्रतिक्रिया, बोले – मेरी किडनी, मैं जिसे भी दूं।

बिजनेसमैन राज कुंद्रा ने 20 साल से डायलिसिस पर निर्भर अपने गुरु प्रेमानंद जी महाराज को किडनी दान करने का फैसला लिया, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी। अब पहली बार राज कुंद्रा ने ट्रोलर्स को जवाब दिया है।

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बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा ने हाल ही में अपने गुरु प्रेमानंद जी महाराज को किडनी दान करने की पेशकश कर सबको चौंका दिया। प्रेमानंद जी पिछले 20 साल से दोनों किडनियों के फेल होने के कारण रोजाना 5 घंटे डायलिसिस पर निर्भर हैं। फिर भी उनकी मुस्कान और सकारात्मकता ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है। राज ने इस मुलाकात में कहा, “मेरी किडनी है, मैं इसे किसी को भी दे सकता हूं।” लेकिन इस नेक इरादे ने सोशल मीडिया पर तीखी बहस छेड़ दी, जहां कुछ ने इसे प्रचार स्टंट करार दिया। आइए, इस कहानी के पीछे की सच्चाई और किडनी दान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानते हैं।

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प्रेमानंद जी महाराज: आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक

वृंदावन के प्रख्यात संत प्रेमानंद जी महाराज ने अपनी आध्यात्मिकता और सादगी से करोड़ों दिल जीते हैं। उनकी दोनों किडनियां 20 साल पहले फेल हो चुकी हैं, फिर भी वो डायलिसिस के साथ न केवल जीवित हैं, बल्कि अपने अनुयायियों को प्रेरणा दे रहे हैं। राज कुंद्रा ने एक साक्षात्कार में बताया, “मैं पिछले दो साल से उनके संदेशों का अनुसरण कर रहा हूं। उनके वीडियो मेरे हर सवाल का जवाब देते हैं। उनकी हालत जानकर मैंने किडनी दान करने का फैसला किया।”

हालांकि, प्रेमानंद जी ने इस प्रस्ताव को विनम्रता से ठुकराते हुए कहा, “तुम्हारा सुख ही मेरे लिए काफी है। जब तक समय नहीं आता, मैं किडनी के कारण इस दुनिया को नहीं छोड़ूंगा।”

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किडनी दान: कितना सुरक्षित, कितना जोखिम?

क्या आप जानते हैं कि किडनी दान करना एक सुरक्षित प्रक्रिया हो सकती है? नेफ्रोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. मुखर्जी बताती हैं कि किडनी दान करने के बाद दूसरी किडनी आकार में थोड़ी बढ़ जाती है और शरीर के सभी कार्यों को संभाल लेती है। लेकिन दान करने वालों को कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं जैसे –

स्वस्थ आहार: अधिक प्रोटीन और नमक से परहेज करें।

हाइड्रेशन: प्रतिदिन 2.5 लीटर पानी पीना जरूरी।

नियमित व्यायाम: वजन नियंत्रित रखें और डायबिटीज या हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं को प्रबंधित करें।

धूम्रपान और शराब से दूरी: ये किडनी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

नियमित जांच: सालाना स्वास्थ्य जांच करवाएं।

डॉ. श्याम वर्मा, जो कि एक यूरोलॉजिस्ट हैं, कहते हैं कि दान करने से पहले पूरी मेडिकल जांच जरूरी है ताकि ये सुनिश्चित हो कि दानकर्ता पूरी तरह स्वस्थ है। मानसिक रूप से भी तैयार रहना जरूरी है, क्योंकि ये पूरी तरह स्वैच्छिक कार्य है।

किडनी प्रत्यारोपण के जोखिम और फायदे

किडनी प्रत्यारोपण के लिए जोखिम दोनों पक्षों के लिए अलग-अलग हैं:

दानकर्ता के लिए: जोखिम कम हैं, लेकिन लंबे समय तक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी पड़ती है।

प्राप्तकर्ता के लिए: सबसे बड़ा जोखिम है रिजेक्शन, जिसमें शरीर नई किडनी को स्वीकार नहीं करता। इसके लिए आजीवन इम्यूनोसप्रेसेंट दवाएं लेनी पड़ती हैं। इसके अलावा, इन्फेक्शन और हृदय संबंधी जोखिम भी हो सकते हैं, खासकर उन लोगों में जो लंबे समय से डायलिसिस पर हैं।

डॉ. मुखर्जी के अनुसार, डायलिसिस की तुलना में प्रत्यारोपण जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है, और जटिलताएं केवल कुछ मामलों में ही होती हैं।

राज कुंद्रा का जवाब: “करुणा को स्टंट न कहें”

सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करते हुए राज कुंद्रा ने कहा, “ये अजीब दुनिया है, जहां किसी की जान बचाने की कोशिश को प्रचार स्टंट कहा जाता है। अगर करुणा एक स्टंट है, तो दुनिया को और चाहिए।” उन्होंने ये भी जोड़ा कि उनका अतीत उनके वर्तमान के फैसलों को परिभाषित नहीं करता।

राज कुंद्रा का ये कदम न केवल उनके गुरु के प्रति उनकी भक्ति को दर्शाता है, बल्कि किडनी दान जैसे गंभीर विषय पर भी चर्चा को प्रेरित करता है। ये हमें बताता है कि सही सावधानियों और देखभाल के साथ, किडनी दान न केवल सुरक्षित है, बल्कि किसी की जिंदगी को नया मौका दे सकता है।

Keywords Raj Kundra, Shilpa Shetty, Premanand Ji Maharaj, Kidney Donation, Dr Mukherjee, Dr Shyam Verma, Organ Donation, Kidney Health

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