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फ्रांस में आखिर क्या हुआ कि एफिल टावर भी बंद करना पड़ा? क्यों लाखों लोग बजट कटौती के खिलाफ सड़कों पर उतरे?

फ्रांस में 2 अक्टूबर को सरकारी खर्च में बड़ी कटौती के खिलाफ एक बड़ी हड़ताल हुई। 200 से ज्यादा शहरों में कामगार, छात्र और रिटायर्ड लोग सड़कों पर थे, जिससे रेलवे से लेकर स्कूल-अस्पताल तक प्रभावित हुए।

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फ्रांस की सड़कों पर आजकल हज़ारों लोगों का गुस्सा दिखाई दे रहा है। 2 अक्टूबर 2025 को 200 से ज्यादा शहरों में कामगार, रिटायर्ड लोग और छात्र सब एक साथ जमा हो गए। वे सरकार के खर्च कटौती प्लान के खिलाफ ज़ोरदार नारे लगा रहे थे। इस बड़ी हड़ताल का असर यह हुआ कि पेरिस का मशहूर एफिल टावर तक बंद हो गया और पर्यटकों के लिए नहीं खुल सका। यूनियनों ने यह हड़ताल बुलाई थी। प्रदर्शनकारी चिल्ला रहे थे कि सरकार को अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए।

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फ्रांस के हर कोने से लोग पेरिस के प्लेस द इटली से मार्च करने के लिए जमा हुए। हज़ारों लोगों ने बैनर थामे और यह कहते हुए आगे बढ़े कि सरकार गरीबों को लूट रही है। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल से रेल और हवाई जहाज की सेवाएँ रुक गईं, और स्कूल-हॉस्पिटल भी प्रभावित हुए। यूनियनों का दावा है कि 10 लाख (1 मिलियन) से ज्यादा लोग इसमें शामिल थे, हालांकि पुलिस ने 195,000 लोगों को गिना। लेकिन उनका गुस्सा एक ही बात पर था, बजट में कटौती मत करो।

बजट कटौती पर क्यों भड़की लोगों की आग

फ्रांस की नई सरकार के सामने एक बड़ी मुश्किल आ गई है। प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू सितंबर में ही अपनी कुर्सी पर बैठे हैं। सरकार ने अभी तक बजट का पूरा प्लान सामने नहीं रखा है, लेकिन पुराने प्लान में 44 बिलियन यूरो तक खर्च काटने की बात थी। सरकार दो पब्लिक हॉलिडे भी खत्म करने के मूड में थी।

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यूनियनों का कहना है कि यह कटौती आम आदमी और मध्यम वर्ग को तोड़ कर रख देगी। उनका डर है कि गरीबों की मदद के लिए चलाई जा रही सोशल योजनाएँ रुक जाएंगी। लोग चाहते हैं कि सरकार अमीरों पर टैक्स बढ़ाए, न कि गरीबों के लिए बनी योजनाओं में कटौती करे। सीजीटी यूनियन की नेता सोफी बिनेट ने कहा कि बिना किसी बजट के ऐलान के ही तीन बार हड़ताल हो चुकी है, जो पहली बार हुआ है।

एफिल टावर हुआ बंद, निराश हुए पर्यटक

फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफिल टावर बंद होने से दूर-दूर से आए पर्यटक निराश हुए। टावर मैनेजमेंट ने बाहर एक बोर्ड लगाया जिस पर लिखा था कि हड़ताल की वजह से बंद है, हमें माफ करें। जिन लोगों ने ई-टिकट ली थी, उन्हें ईमेल भेजकर खबर दी गई। यह टावर रोज लाखों लोगों को अपनी तरफ खींचता है, लेकिन गुरुवार को एकदम खाली पड़ा रहा। प्रदर्शनकारियों ने फ्लेयर्स जलाईं और चे ग्वेरा के पोस्टर लहराए। एक पोस्टर पर तो यहाँ तक लिखा था कि “अमीरों के टैक्स हेवन चोर हैं”।

फ्रांस की आठ बड़ी यूनियनों ने एक साथ मिलकर यह हड़ताल की है, जिसमें सीजीटी और एफडीटी जैसी बड़ी यूनियनें शामिल हैं। वे सरकार से कह रहे हैं कि पुराने कटौती प्लान को छोड़ दिया जाए, रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का फैसला पलटा जाए और हेल्थ तथा शिक्षा पर ज्यादा पैसा लगाया जाए। 18 सितंबर को हुई पिछली हड़ताल में भी 500,000 से ज्यादा लोग सड़कों पर आए थे। सरकार साल के आखिर में बजट बिल संसद में लाएगी, तब यह लड़ाई और बढ़ने की उम्मीद है।

Keywords:France Strikes October 2025, Eiffel Tower Closure Protest, French Unions Spending Cuts, Paris Demonstrations 2025, Austerity Measures France, Cgt Union Demands, Nationwide Strike France

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