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‘थलापति’ विजय की सियासी एंट्री से तमिलनाडु में खलबली, 2026 चुनाव में क्या होगा?

तमिल सिनेमा के सुपरस्टार 'थलापति' विजय ने 22 सितंबर 2025 को अपनी राजनीतिक पार्टी तमिलगा वेट्री कझगम के साथ तमिलनाडु की सियासत में कदम रखा है।

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तमिल सिनेमा के सुपरस्टार थलापति विजय ने अपनी पार्टी तमिलगा वेट्री कझगम (टीवीके) के साथ तमिलनाडु की सियासत में कदम रखा। इस खबर ने पूरे राज्य में खलबली मचा दी। विजय ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी। न तो डीएमके के साथ गठबंधन होगा और न ही बीजेपी के साथ। उनकी रैलियों में लाखों लोग पहुंच रहे हैं। लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या विजय तमिलनाडु की सियासत को नया रंग देंगे?

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विजय का सियासी मिशन

विजय ने फरवरी 2025 में टीवीके की शुरुआत की थी। 27 अगस्त को मदुरै में उनकी दूसरी रैली में करीब तीन लाख लोग आए। इस रैली में विजय ने तमिलनाडु के लोगों से बदलाव का वादा किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार खत्म करेगी और तमिल संस्कृति को बढ़ावा देगी। विजय ने अपने फिल्मी अंदाज में लोगों का दिल जीता। उन्होंने कहा कि वह सिनेमा की तरह नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर मेहनत करेंगे। उनकी यह बात खासकर युवाओं को बहुत पसंद आई।

डीएमके और बीजेपी पर हमला

विजय ने अपनी रैलियों में सत्ताधारी डीएमके और केंद्र की बीजेपी पर तीखे हमले किए। उन्होंने डीएमके के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को ‘स्टालिन अंकल’ कहकर तंज कसा। विजय ने डीएमके पर भ्रष्टाचार का इल्जाम लगाया और कहा कि उसने द्रविड़ मॉडल का ढोंग रचा है। बीजेपी पर उन्होंने तमिलनाडु में बंटवारे की सियासत करने का आरोप लगाया। विजय ने अपनी पार्टी को धर्मनिरपेक्ष और तमिल गौरव को बढ़ाने वाली बताया। उनकी यह रणनीति युवाओं और गांवों के लोगों को खींच रही है।

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वोटों की जंग

तमिलनाडु की सियासत में डीएमके और एआईएडीएमके का दबदबा रहा है। ये दोनों पार्टियां मिलकर 70 से 80 फीसदी वोट लेती हैं। बाकी 20 से 30 फीसदी वोट छोटी पार्टियों के बीच बंटते हैं। विजय इस वोट बैंक को अपनी ओर लाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी अपील खासकर युवाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों में है। अगर वह डीएमके के 3-4 फीसदी और एआईएडीएमके-बीजेपी के 5-6 फीसदी वोट ले लेते हैं, तो 2026 में त्रिशंकु विधानसभा बन सकती है। ऐसे में विजय किंगमेकर बन सकते हैं।

फिल्मी सितारों की सियासी राह

तमिलनाडु में फिल्मी सितारों का सियासत में आना पुराना है। एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) 1977 से 1987 तक मुख्यमंत्री रहे। जयललिता ने भी छह बार यह कुर्सी संभाली। विजयकांत ने डीएमडीके के जरिए कुछ असर डाला था। हालांकि, कमल हासन की पार्टी 2021 में ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाई। विजय की भारी फैन फॉलोइंग और तमिल पहचान उन्हें बड़ा मुकाम दिला सकती है। उनकी फिल्में 420 करोड़ की संपत्ति और रिकॉर्ड तोड़ कमाई वाली रही हैं।

युवाओं और गांवों में जोश

विजय की रैलियों में युवा और ग्रामीण लोग भारी तादाद में पहुंच रहे हैं। उनके फैन क्लब पूरे तमिलनाडु में फैले हैं, जो उनकी सियासी ताकत बन सकते हैं। विजय ने सामाजिक न्याय, तमिल भाषा और धर्मनिरपेक्षता जैसे मुद्दों को उठाया। उनकी ईसाई पृष्ठभूमि और उदयार समुदाय से होने के बावजूद उनकी अपील सभी समुदायों तक पहुंच रही है। उनकी रैलियां और बयान तमिलनाडु की सियासत को गर्माए हुए हैं।

Keywords:Thalapathy Vijay Politics, Tamil Nadu Election, Vijay Tvk Party, 2026 Tamil Nadu Polls, Actor Vijay Political Entry

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