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गलत दिशा में बना बाथरूम बन सकता है बर्बादी का कारण, बिगाड़ देगा सेहत, रिश्ते और करियर!

गलत दिशा में बना बाथरूम सेहत, धन, रिश्ते और करियर को नुकसान पहुँचा सकता है। जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम की शुभ दिशा और आसान उपाय।

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वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से की दिशा का गहरा महत्व बताया गया है। जिस तरह से रसोई, पूजा स्थल और सोने का स्थान जीवन पर असर डालता है, ठीक उसी तरह बाथरूम की दिशा भी सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यदि बाथरूम वास्तु नियमों के अनुसार सही जगह न बने तो यह परिवार के लिए आर्थिक नुकसान, रिश्तों में तनाव और करियर में रुकावट का कारण बन सकता है।

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उत्तर दिशा क्यों नहीं होना चाहिए बाथरूम?

वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा धन, सफलता और प्रगति का प्रतीक है। यह दिशा व्यापार में वृद्धि, नए अवसरों की प्राप्ति और करियर में तरक्की से जुड़ी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस हिस्से को हमेशा साफ-सुथरा और सकारात्मक ऊर्जा से भरा रखा जाए तो परिवार पर कभी अभाव नहीं आता। लेकिन यदि इसी स्थान पर बाथरूम बना हो, तो यह शुभ नहीं माना जाता और इसके दुष्परिणाम सीधे जीवन पर दिखाई देने लगते हैं।
सफलता में क्यों आती है रुकावट?

कई लोग शिकायत करते हैं कि मेहनत करने के बावजूद उन्हें मनचाहा फल नहीं मिल पाता। लगातार असफलता और मानसिक तनाव की बड़ी वजह घर में वास्तु दोष हो सकता है। खासकर यदि बाथरूम उत्तर दिशा में बना हो तो यह बाधा और निराशा का कारण बनता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति की तरक्की रुक जाती है और अवसर हाथ से निकल जाते हैं।

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क्या करें यदि बाथरूम उत्तर दिशा में हो?

हर बार बाथरूम की जगह बदल पाना संभव नहीं होता। ऐसे में वास्तु दोष को कम करने के कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • बाथरूम का दरवाजा भूरे रंग का रखें।
  • अंदरूनी दीवारों पर हल्के नीले या हरे रंग का प्रयोग करें।
  • दरवाजे पर छोटा दर्पण या वास्तु यंत्र लगाएं।
  • सप्ताह में कई बार नमक मिले पानी से टॉयलेट की सफाई करें।
  • उपयोग के बाद बाथरूम का दरवाजा बंद रखना न भूलें।
  • इन उपायों से वहां जमा नकारात्मक ऊर्जा कम होगी और घर के वातावरण में सकारात्मकता बढ़ेगी।

बाथरूम बनाने की शुभ दिशाएँ

यदि आप नया घर बनवा रहे हैं या भविष्य में इसकी योजना बना रहे हैं, तो बाथरूम की सही दिशा का चुनाव अवश्य करें। वास्तु के अनुसार निम्न दिशाएँ बाथरूम के लिए शुभ मानी जाती हैं:

  • उत्तर-पश्चिम (North-West)
  • दक्षिण-पूर्व (South-East)
  • दक्षिण-पश्चिम (South-West)

इन स्थानों पर बने बाथरूम से घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही ध्यान रखें कि बाथरूम कभी भी पूजा घर या रसोई के पास न हो। घर में बाथरूम का गलत दिशा में होना केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि धन, रिश्तों और करियर पर भी बुरा असर डालता है। इसलिए घर बनाते समय इसकी दिशा का विशेष ध्यान रखें। अगर पहले से ही वास्तु दोष मौजूद है, तो बताए गए उपायों को अपनाकर इसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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