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नवरात्री में नॉनवेज दुकानें बंद कराने की मांग, जंगपुरा MLA ने CM को लिखी चिट्ठी, पार्षद करेंगे अपील

दिल्ली के कुछ विधायकों और पार्षदों ने नवरात्रि के दौरान मीट और मांसाहारी उत्पाद बेचने वाली दुकानों को बंद रखने की अपील की है। यह कदम धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक परंपराओं के सम्मान के लिए उठाया गया है।

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दिल्ली में आगामी शारदीय नवरात्रि (22 सितंबर से 1 अक्टूबर) के दौरान नॉनवेज की दुकानों को बंद करने की मांग उठ रही है। जंगपुरा विधानसभा के विधायक तरविंदर सिंह मरवाह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर पूरे दिल्ली में मीट और मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। उनके अनुसार, नवरात्रि का पर्व सनातन धर्म और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु उपवास रखते हैं और मां दुर्गा की साधना में लीन रहते हैं। विधायक का कहना है कि इस दौरान दुकानों का खुला रहना धार्मिक भावनाओं के प्रति सम्मान का उल्लंघन हो सकता है।

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पार्षद की स्थानीय अपील

शाहदरा साउथ जोन के अध्यक्ष और पार्षद रामकिशोर शर्मा ने शकरपुर क्षेत्र के दुकानदारों और स्थानीय लोगों से विशेष अपील की है। उन्होंने सभी सनातनी प्रेमियों से अनुरोध किया कि वे 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक कच्चे और पक्के मीट की दुकानों को बंद रखने के लिए एकत्रित हों। पार्षद ने मेट्रो पिलर नंबर 51, विकास मार्ग पर होने वाले इस आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में आने का आह्वान किया। उनका कहना है कि इस पहल से न केवल धार्मिक भावनाओं का सम्मान होगा, बल्कि समुदाय में सहयोग और एकता की भावना भी बढ़ेगी।

बड़े आउटलेट्स को भी पत्र

सिर्फ स्थानीय दुकानों तक ही सीमित नहीं, बल्कि दिल्ली के बड़े फास्टफूड आउटलेट्स जैसे डॉमिनोज़, केएफसी और मैकडोनाल्ड के क्षेत्रीय प्रबंधकों को भी पत्र भेजा गया है। विधायक करनैल सिंह ने इन आउटलेट्स से नवरात्रि के दौरान मांसाहारी व्यंजनों की बिक्री न करने का आग्रह किया है। यह कदम धार्मिक सम्मान के साथ-साथ समाज में सांस्कृतिक संवेदनशीलता बढ़ाने का प्रयास माना जा रहा है। इस पहल का मकसद है कि नवरात्रि के दौरान उपवास और साधना रखने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

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धार्मिक परंपरा और सामाजिक जिम्मेदारी

नवरात्रि के दौरान मीट और मांसाहारी वस्तुओं की बिक्री बंद कराने की यह मांग केवल धार्मिक भावना तक ही सीमित नहीं है। यह समाज में सांस्कृतिक जागरूकता और संवेदनशीलता को भी दर्शाती है। स्थानीय विधायक और पार्षदों का मानना है कि इस प्रकार के कदम से लोगों में धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी। इसके अलावा, यह पहल दिल्ली में सांस्कृतिक और पारंपरिक पर्वों के प्रति सम्मान का संदेश भी देती है। हालांकि, इस मामले में दुकानदारों और प्रशासन की सहमति और सहयोग भी आवश्यक है, ताकि यह प्रक्रिया सुचारू रूप से लागू हो सके।

Keywords Navratri 2025, Delhi Non-veg Shops, Meat Shop Closure, Religious Sentiments, Vegetarian Observance, Cultural Respect, Festival Season, Meat Ban, Navratri Fasting, Public Appeal

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