सोशल मीडिया पर नेपाल में लगे बैन को लेकर युवाओं का प्रदर्शन हिंसक हो गया था । इस दौरान आंदोलन पर लगाम लगाने के लिए वहां की सरकार ने पहले तो कठोर कार्रवाई की। नेपाल की पुलिस ने इस दौरान आंदोलन करने वाली भीड़ पर काबू करने के लिए उनपर गोलीबारी की। इस फायरिंग में तकरीबन 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गए. लेकिन उसके बाद भी प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।
जिसके बाद नेपाल की सरकार ने आनन-फानन में अपने मंत्रियों के साथ एक बैठ की और नेपाल सरकार ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर लगाये गए बैन को वापस ले लिया। इस बात की जानकारी खुद नेपाल सरकार सूचना तथा संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने मीडिया को दी।
आंदोलन अब भी जारी
बैन के बावजूद अब भी नेपाल की सड़कों पर युवाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। नेपाल की सरकार लगातार अपील कर रही है कि आंदोलन को रोका जाए लेकिन प्रदर्शन थम नहीं रहा है। मामले की नजाकत को भांपते हुए नेपाल की सरकार ने काठमांडू, ललितपुर और भक्तापुर समेत कई जगहों पर कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है। जो मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे से एक बार फिर से लगा दिया गया है।
क्या कहते हैं आंदोलनकारी
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, काठमांडू में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हम सुबह 9 बजे से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। यही विरोध प्रदर्शन का सबसे बड़ा कारण है। हम यहां इलाज करा रहे प्रदर्शनकारियों के लिए अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। कल से विरोध प्रदर्शन और भी ज़ोरदार हो जाएगा।
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