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‘भारत अपनी राह चुनने में पूरी तरह सक्षम’, रूसी विदेश मंत्री का UNGA मंच से बड़ा बयान

संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के आधार पर निर्णय लेता है और यही उसकी बढ़ती वैश्विक भूमिका का प्रमाण है।

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संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की विदेश नीति को लेकर विशेष टिप्पणी की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत आज की दुनिया में अपनी राह खुद तय करने वाला देश है, जो किसी दबाव में नहीं झुकता। लावरोव के अनुसार, भारत का हर निर्णय उसके राष्ट्रीय हितों और जनकल्याण की प्राथमिकताओं पर आधारित होता है। उन्होंने इस स्वतंत्र सोच को भारत की असली ताकत बताते हुए कहा कि यही गुण उसे वैश्विक मंच पर अलग पहचान देता है। भारत की विदेश नीति लंबे समय से गुटनिरपेक्ष रुख और संतुलन बनाए रखने के लिए जानी जाती रही है। चाहे अमेरिका हो या रूस, यूरोप हो या एशिया, भारत अपने हितों को प्राथमिकता देता है और सभी देशों से समान दूरी या सहयोग का रास्ता अपनाता है। लावरोव ने इसी नीति को भारत की असाधारण क्षमता बताया।

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रूस-भारत साझेदारी के गहरे आयाम

लावरोव ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि रूस और भारत के बीच का रिश्ता महज राजनयिक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी है। रक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में तो सहयोग लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन अब यह तालमेल तकनीक, शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार जैसे नए आयामों में भी दिखाई दे रहा है। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारत और रूस के बीच संवाद की प्रक्रिया सतत और गहन है। दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय यात्राएं और वार्ताएं लगातार होती रही हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि साझेदारी केवल कागजों तक सीमित नहीं बल्कि वास्तविक सहयोग में बदल चुकी है। रूस का मानना है कि भारत के साथ उसके संबंध स्थिरता और विश्वास पर आधारित हैं, जो आने वाले वर्षों में और मजबूत होंगे।

भविष्य की योजनाएं और उच्च स्तरीय दौरों का संकेत

लावरोव ने अपने बयान में इस बात की संभावना भी जताई कि आने वाले महीनों में रूस और भारत के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व की मुलाकातें तय हैं, जिनमें रणनीतिक मुद्दों से लेकर व्यापार और तकनीकी सहयोग तक पर चर्चा होगी। यह न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी दोनों देशों की साझेदारी को और सुदृढ़ करेगा। यह संकेत भारत की वैश्विक भूमिका को भी उजागर करता है। जब बड़े देश भारत के साथ गहरी साझेदारी की योजना बनाते हैं, तो यह संदेश जाता है कि भारत न केवल एक क्षेत्रीय शक्ति है बल्कि वैश्विक निर्णयों में भी उसकी अहमियत बढ़ रही है।

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विश्व राजनीति में भारत की बढ़ती भूमिका

लावरोव के वक्तव्य का सबसे बड़ा संदेश यही रहा कि भारत अब विश्व राजनीति में एक निर्णायक और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में देखा जा रहा है। उसकी विदेश नीति न तो किसी दबाव से संचालित होती है और न ही किसी एक ध्रुव पर टिकती है। भारत ने अपनी राह खुद बनाई है और यही उसे विशिष्ट बनाती है। आज के बदलते अंतरराष्ट्रीय समीकरणों में, जहां कई देश आर्थिक और राजनीतिक दबावों के बीच झूल रहे हैं, भारत की स्थिति अपेक्षाकृत संतुलित और दृढ़ दिखाई देती है। रूस जैसे बड़े देश द्वारा भारत की निर्णय क्षमता की खुलकर सराहना यह दर्शाती है कि भविष्य की विश्व व्यवस्था में भारत की भूमिका और भी निर्णायक होने वाली है। यह भूमिका केवल सहयोगी या सहभागी की नहीं होगी, बल्कि भारत को नीति निर्माता और वैश्विक संतुलनकारी शक्ति के रूप में देखा जाएगा।

Keywords: Russia India Relations, Sergey Lavrov Unga Speech, India Foreign Policy, Independent Decision Making, Russia Praises India

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