अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के एक बड़े फैसले के तहत 21 सितंबर 2025 से H-1B वीजा के लिए आवेदन शुल्क में भारी वृद्धि कर दी गई है। अब अमेरिका के बाहर से H-1B वीजा आवेदन करने वालों को 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह नया शुल्क केवल नए आवेदनकर्ताओं पर लागू होगा, जबकि मौजूदा वीजाधारकों और नवीनीकरण करने वालों पर इसका असर नहीं होगा।
H-1B वीजा क्या है?
H-1B वीजा एक नियोक्ता-प्रायोजित वीजा है जो विशेष व्यवसायों में काम करने वाले पेशेवरों को 3 से 6 वर्षों तक अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। भारतीय पेशेवरों का इस वीजा धारकों में 70% से अधिक हिस्सा होने के कारण यह बदलाव खासकर भारत के लिए चिंता का विषय बन गया है।
बढ़े हुए शुल्क का प्रभाव
यह भारी शुल्क वृद्धि भारतीय और अन्य विदेशी पेशेवरों को अमेरिकी जॉब मार्केट में प्रवेश के लिए बाधित कर सकती है। इसके कारण वे अब अन्य वैकल्पिक वीजा विकल्पों की ओर देख रहे हैं जिनमें L-1, O-1, EB-5 और OPT प्रमुख हैं।
वैकल्पिक वीजा विकल्प और उनकी लागत एवं पात्रता
- L-1 वीजा: कंपनी के इंटरनल ट्रांसफर के लिए
L-1 वीजा उन कर्मचारियों के लिए है जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विदेशी कार्यालय से अमेरिका के कार्यालय में ट्रांसफर हो रहे हैं।
दो तरह का होता है ये वीजा
L-1A: प्रबंधक या कार्यकारी
L-1B: विशिष्ट विशेषज्ञ ज्ञान वाले कर्मचारी
लागत:
USCIS फाइलिंग शुल्क: $1,055 (लगभग ₹92,000)
प्रीमियम प्रोसेसिंग (वैकल्पिक): $2,805 (लगभग ₹2.5 लाख)
कानूनी शुल्क: ₹4.4 लाख से ₹22 लाख तक
पात्रता:
आवेदक को पिछले 3 वर्षों में कम से कम एक साल कंपनी के विदेश कार्यालय में काम करना चाहिए
कंपनी का अमेरिका और विदेश दोनों में कार्यालय होना आवश्यक है।
- O-1 वीजा: असाधारण प्रतिभा के लिए
O-1 वीजा विज्ञान, कला, शिक्षा, व्यवसाय या खेल में असाधारण उपलब्धि रखने वाले पेशेवरों को दिया जाता है। इसके लिए आवेदक को राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त होनी चाहिए और कम से कम 8 मानदंडों में से 3 को पूरा करना होता है, जैसे पुरस्कार या प्रकाशन।
लागत:
USCIS शुल्क: $1,055 (लगभग ₹92,000)
प्रीमियम प्रोसेसिंग: $2,805 (लगभग ₹2.5 लाख)
कानूनी शुल्क: ₹4.8 लाख से ₹7 लाख
नया वीजा इंटेग्रिटी शुल्क (2025 से): $250 (लगभग ₹22,000)
विशेषताएं:
व्यापक दस्तावेजीकरण आवश्यक
असाधारण प्रतिभा का प्रमाण देना अनिवार्य
- EB-5 वीजा: निवेश के जरिए स्थायी निवास
EB-5 वीजा उन निवेशकों के लिए है जो अमेरिका में बड़ी राशि का निवेश कर स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) प्राप्त करना चाहते हैं। निवेश की न्यूनतम राशि $800,000 (लगभग ₹70.4 लाख) टारगेटेड एम्प्लॉयमेंट एरिया (TEA) में या $1,050,000 (लगभग ₹92 लाख) गैर-TEA क्षेत्र में होनी चाहिए।
लागत:
निवेश का 10% प्रशासनिक शुल्क: लगभग ₹7 लाख
कानूनी शुल्क: ₹22 लाख से ₹30.8 लाख
USCIS शुल्क: $12,160 (लगभग ₹10.6 लाख) + I-829 फाइलिंग शुल्क $9,525 (लगभग ₹8.3 लाख)
पात्रता और शर्तें:
निवेश जोखिम भरा होना चाहिए
कम से कम 10 पूर्णकालिक नौकरियां सृजित या संरक्षित करनी होंगी
- OPT (Optional Practical Training): छात्रों के लिए प्रशिक्षण
OPT F-1 छात्र वीजा धारकों को उनकी पढ़ाई के बाद व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है। यह रोजगार उनके अध्ययन क्षेत्र से संबंधित होना चाहिए।
लागत:
आवेदन शुल्क: $520 (लगभग ₹45,500)
वैकल्पिक कानूनी सहायता शुल्क लागू हो सकता है
समयावधि: एक साल
STEM क्षेत्र के स्नातकों के लिए 24 महीने का अतिरिक्त विस्तार डोनल्ड ट्रंप प्रशासन के इस निर्णय ने H-1B वीजा आवेदन प्रक्रिया को महंगा और जटिल बना दिया है। खासकर भारतीय पेशेवर इस नए शुल्क के चलते अमेरिकी जॉब मार्केट में प्रवेश के लिए अन्य विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। L-1, O-1, EB-5 और OPT जैसे विकल्प नए रास्ते खोल रहे हैं, लेकिन इनमें भी लागत और पात्रता के कड़े मानदंड हैं। इसलिए, अमेरिका में काम करने की योजना बना रहे पेशेवरों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने विकल्पों को ध्यान से समझें और कानूनी सलाह लेकर सही फैसला लें।
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