बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त गुरुवार सुबह मध्यप्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन पहुंचे, जहाँ उन्होंने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन किए और प्रसिद्ध भस्म आरती में भाग लिया। मंदिर परिसर में वे पूरी तरह आध्यात्मिक माहौल में डूबे नजर आए।
भक्ति भाव से आरती में शामिल होने के बाद संजय दत्त ने कहा , “यह मेरा सौभाग्य है कि बाबा महाकाल ने मुझे यहां बुलाया। कई वर्षों से मैं उज्जैन आने की सोच रहा था और आज इस अवसर को पाकर बेहद आनंदित हूं। मैंने यहां दिव्य ऊर्जा को महसूस किया और मेरी प्रार्थना है कि महाकाल का आशीर्वाद सब पर बना रहे।” आरती के दौरान वे नंदी हॉल में बैठे और पूरे विधि-विधान से आरती का दर्शन किया। सोशल मीडिया पर मंदिर के अंदर से उनका वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे गहन श्रद्धा में लीन दिखाई देते हैं।
फिल्मों के बीच आध्यात्मिक यात्रा
हाल ही में रिलीज हुई एक्शन थ्रिलर फिल्म बागी 4 में संजय दत्त ने अहम किरदार निभाया था। इस फिल्म में उनके साथ टाइगर श्रॉफ, सोनम बाजवा और हरनाज संधू भी नजर आए थे। ए. हर्षा के निर्देशन में बनी यह फिल्म 2013 की तमिल मूवी ऐंथु ऐंथु ऐंथु का हिंदी रीमेक मानी जा रही है।
अब संजय दत्त जल्द ही धुरंधर नाम की एक जासूसी एक्शन थ्रिलर में नजर आने वाले हैं। इस फिल्म का लेखन और निर्देशन आदित्य धर ने किया है। रणवीर सिंह, आर. माधवन, अर्जुन रामपाल और अक्षय खन्ना जैसे बड़े कलाकार भी इसमें अहम भूमिकाओं में दिखाई देंगे। कहानी एक गुप्तचर एजेंट की है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीतिक षड्यंत्रों और व्यक्तिगत संघर्षों के बीच जूझता है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि यहां का शिवलिंग स्वयंभू है, अर्थात यह धरती से स्वतः प्रकट हुआ। इसे इसलिए भी खास माना जाता है क्योंकि अन्य स्थानों पर स्थापित ज्योतिर्लिंग मंत्रोच्चार और पूजा विधि से प्रतिष्ठित किए गए थे, जबकि महाकालेश्वर की ऊर्जा स्वयं से उत्पन्न मानी जाती है।
मंदिर की सबसे प्रसिद्ध पूजा भस्म आरती है, जो प्रतिदिन प्रातःकाल में की जाती है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु केवल इस आरती के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचते हैं। मध्यप्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग स्थित हैं महाकालेश्वर (उज्जैन) और ओंकारेश्वर (खंडवा ज़िला), जो लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर है। दोनों ही स्थान शिवभक्तों के लिए अत्यंत पावन और आस्था के केंद्र माने जाते हैं।
इस प्रकार संजय दत्त की उज्जैन यात्रा न केवल उनकी आध्यात्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि व्यस्त फिल्मी करियर के बीच भी वे अपनी धार्मिक मान्यताओं के प्रति गहराई से जुड़े हुए हैं।
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