मध्य प्रदेश में एक दर्दनाक हादसे के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। छिंदवाड़ा जिले में Coldrif कफ सिरप पीने से नौ बच्चों की मौत हो गई, जिसके बाद पूरे प्रदेश में इस सिरप की बिक्री पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कहा है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी।
सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के ज़रिए लोगों को जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया गया है। सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी रोक लगाई जा रही है।”
छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 4, 2025
सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में…
यह सिरप कांचीपुरम (तमिलनाडु) की एक फार्मास्युटिकल कंपनी में बनता है। जैसे ही राज्य सरकार को रिपोर्ट मिली कि इस सिरप को लेने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी और फिर उनकी जान चली गई, वैसे ही सरकार ने तुरंत तमिलनाडु सरकार से संपर्क किया और जांच की मांग की। आज सुबह आई जांच रिपोर्ट में सिरप की क्वालिटी को लेकर गंभीर खामियां सामने आईं, जिसके बाद तुरंत कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की मौत के बाद स्थानीय स्तर पर जांच पहले से चल रही थी, लेकिन अब राज्य स्तर पर भी एक विशेष जांच टीम गठित कर दी गई है। यह टीम पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी, सिरप की सप्लाई चेन, मेडिकल स्टोर्स तक पहुंच, और हेल्थ डिपार्टमेंट की लापरवाही तक। सीएम ने साफ कहा कि “ऐसे मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर जांच में किसी अधिकारी या कर्मचारी की जिम्मेदारी बनती है तो उसके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।”
मामले पर मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है, लेकिन सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है। “मुख्यमंत्री ने जैसे ही रिपोर्ट देखी, उसी समय पूरे प्रदेश में इस सिरप पर बैन लगा दिया गया। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा,” सारंग ने कहा। जानकारी के मुताबिक, छिंदवाड़ा जिले में पिछले हफ्ते कुछ बच्चों को ज़ुकाम और खांसी की शिकायत थी। उन्हें स्थानीय क्लीनिक से Coldrif सिरप दिया गया था। सिरप पीने के बाद बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें उल्टियां, बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें होने लगीं। डॉक्टरों ने इलाज की कोशिश की, लेकिन नौ बच्चों की जान नहीं बच सकी।
अब यह मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। स्वास्थ्य विभाग ने Coldrif सिरप के सभी बैचों को मार्केट से वापस लेने का आदेश दिया है। साथ ही मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों को भी निर्देश दिया गया है कि वे इस सिरप को तुरंत हटाएं और इसकी बिक्री बंद करें। सरकार का कहना है कि कंपनी की उत्पादन प्रक्रिया और लैब टेस्ट रिपोर्ट्स की गहराई से जांच की जा रही है। अगर यह पाया गया कि लापरवाही या घटिया क्वालिटी के कारण बच्चों की जान गई है, तो कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर दवा सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत में कई बार घटिया दवाओं की वजह से लोगों की जान गई है, लेकिन इस बार सरकार की त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। लोग सोशल मीडिया पर सरकार की इस सख्ती की सराहना कर रहे हैं, लेकिन साथ ही यह भी मांग कर रहे हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए कड़ी निगरानी व्यवस्था बनाई जाए। फिलहाल, मध्य प्रदेश में Coldrif सिरप और उससे जुड़े सभी प्रोडक्ट्स पूरी तरह बैन कर दिए गए हैं और जांच जारी है।
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