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साइबर ठग नकली हेल्पलाइन नंबरों से लोगों को कैसे फंसाते हैं और बैंक खाते खाली करते हैं?

साइबर अपराधी नकली हेल्पलाइन नंबरों से लोगों को ठग रहे हैं। केरल में एक व्यक्ति ने फर्जी कॉल पर भरोसा किया और 95,000 रुपये गंवाए। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि ऐसे नंबरों से बचना जरूरी है।

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साइबर ठग नकली हेल्पलाइन नंबरों से लोगों को फंसाकर उनके बैंक खाते खाली कर रहे हैं। ये अपराधी इंटरनेट सर्च का फायदा उठाते हैं। एक गलत कॉल से लाखों रुपये गंवाए जा सकते हैं। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे नंबरों से सावधान रहना जरूरी है। यह कहानी केरल से शुरू होती है, जहां एक आम आदमी ठगों के जाल में फंस गया।

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केरल में ठगी का मामला

केरल के पठानमथिट्टा में 52 साल के एक व्यक्ति ने पानी साफ करने वाली मशीन की कंपनी का हेल्पलाइन नंबर सर्च किया। उसे जो नंबर मिला, वह नकली था। कॉल करने पर सामने वाले ने खुद को कर्मचारी बताया और एक ऐप डाउनलोड करने को कहा। ऐप ने ठगों को फोन का कंट्रोल दे दिया। कुछ ही मिनटों में तीन यूपीआई ट्रांजेक्शन से 95,000 रुपये निकल गए। यह घटना अगस्त 2025 में हुई। व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने केस दर्ज किया और लोगों को आधिकारिक वेबसाइट से नंबर लेने की सलाह दी।

नकली नंबरों का खेल

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ शुभम सिंह बताते हैं कि ठग गूगल सर्च में नकली नंबर ऊपर लाने के लिए विज्ञापन खरीदते हैं। वे असली जैसी वेबसाइट बनाते हैं। कॉल करने पर ठग ओटीपी या बैंक जानकारी मांगते हैं। कई बार नकली ऐप डाउनलोड कराकर फोन हैक कर लेते हैं। ऐसे घोटाले पूरे देश में बढ़ रहे हैं। ठग विदेश से भी काम करते हैं लेकिन भारत में लोगों को निशाना बनाते हैं।

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लोगों को कैसे फंसाते हैं

ठग जल्दबाजी का फायदा उठाते हैं। वे कहते हैं कि खाता खतरे में है या तुरंत पैसे ट्रांसफर करें। कुछ नकली रिफंड का लालच देते हैं। कई बार मिस्ड कॉल देकर कॉल बैक करवाते हैं, जिससे भारी चार्ज लगता है। बुजुर्ग लोग आसानी से फंस जाते हैं। साइबर क्राइम रिपोर्ट्स कहती हैं कि 2025 में ऐसे मामले 30 प्रतिशत बढ़े हैं।

साइबर घोटालों का बढ़ता खतरा

भारत में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केरल में हर हफ्ते ऐसे मामले सामने आते हैं। विशेषज्ञ विवेक गोयल कहते हैं कि ठग लोगों की जरूरत का फायदा उठाते हैं। पुलिस ने जागरूकता कैंपेन शुरू किया, लेकिन ठग नए नंबर बनाते रहते हैं। CERT-IN जैसी एजेंसियां इन पर नजर रखती हैं।

बचाव के आसान तरीके

विशेषज्ञ कहते हैं कि गूगल पर मिले नंबरों पर भरोसा न करें। कंपनी की असली वेबसाइट से नंबर लें। कोई भी कंपनी ओटीपी या बैंक जानकारी नहीं मांगती। फोन में स्पैम कॉल फिल्टर लगाएं। साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत करें। संचार साथी पोर्टल पर भी नकली नंबर की शिकायत कर सकते हैं।

KeywordsFake Helpline Scams, Cyber Fraud India, Online Banking Theft, Phishing Attack Methods, Cybersecurity Fraud Alerts

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