करूर जिले में आयोजित विजय की रैली एक उत्साहजनक राजनीतिक कार्यक्रम होना था, लेकिन शनिवार की शाम यह मातम में बदल गया। भारी भीड़ पहले से ही दोपहर में स्थल पर जमा हो गई थी। हजारों लोग सिर्फ अपने चहेते अभिनेता और टीवीके प्रमुख विजय को देखने के लिए घंटों से इंतजार कर रहे थे। शाम करीब साढ़े सात बजे स्थिति बेकाबू हो गई और धक्का-मुक्की के बीच भगदड़ मच गई। इस त्रासदी में 39 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 8 बच्चे और 16 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। चश्मदीदों का कहना है कि जब कुछ लोग गिरकर बेहोश हो गए, तभी अफरा-तफरी और तेज हो गई। विजय ने स्थिति को देख अपनी रैली रोक दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मौके पर चीख-पुकार, रोते-बिलखते परिजन और बिखरी चप्पलें इस हादसे की गंभीरता को बयान कर रही थीं।
प्रशासन और नेताओं की त्वरित प्रतिक्रिया
हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई से स्थिति की निगरानी शुरू की। वे देर रात करूर पहुंचे और अस्पताल में घायलों तथा मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा और घायलों के लिए 1 लाख रुपये की सहायता राशि घोषित की। साथ ही, इस हादसे की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक आयोग गठित करने की घोषणा की। स्टालिन के साथ शिक्षा मंत्री अंबिल महेश और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भी पीड़ितों से मुलाकात की। करूर अस्पताल में मंत्री भावुक होकर रो पड़े। वहीं, टीवीके प्रमुख विजय ने व्यक्तिगत रूप से पीड़ित परिवारों को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया और सोशल मीडिया पर अपने गहरे शोक संदेश साझा किए।
कानूनी कार्रवाई और राजनीतिक विवाद
करूर पुलिस ने हादसे की ज़िम्मेदारी तय करने के लिए टीवीके नेताओं पर मामला दर्ज किया है। पश्चिम जिला सचिव मथियालगन, महासचिव आनंद और संयुक्त सचिव निर्मल कुमार समेत कई लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 109, 110, 125बी और 223 के तहत केस दर्ज हुआ है। इनमें हत्या के प्रयास से लेकर लापरवाही से जान खतरे में डालने और सरकारी आदेश की अवहेलना जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। वहीं, भाजपा राज्य अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट से इस घटना की तत्काल सुनवाई की मांग की और राज्य सरकार की जांच समिति पर अविश्वास जताया। भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी करूर पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर सबको मदद करनी चाहिए। केंद्र सरकार ने तमिलनाडु से रिपोर्ट मांगी है और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल से बातचीत कर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
पीड़ित परिवारों का दर्द और व्यापक संदेश
तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव पी सेंथिल कुमार के अनुसार, इस घटना में 39 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 17 महिलाएं, 13 पुरुष और 9 बच्चे शामिल हैं। करीब 93 घायलों का इलाज जारी है, जिनमें दो की हालत गंभीर बनी हुई है। अधिकांश शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए। यह हादसा सिर्फ एक प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि भीड़ प्रबंधन की गंभीर विफलता को उजागर करता है। राज्य के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी राजनीतिक कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई हो। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि इस त्रासदी से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
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