- Advertisement -

FASTag में UPI से बचत का मौका! नए नियमों के तहत कितना बचेगा पैसा, यहां समझें पूरा हिसाब

15 नवंबर से टोल नियम बदलेंगे। बिना FASTag गाड़ियों से कैश में नहीं, UPI से भुगतान पर 1.25 गुना टोल लगेगा। सरकार का ये कदम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की दिशा में है।

4 Min Read

देशभर में नेशनल हाईवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टोल भुगतान के नियमों में संशोधन करते हुए घोषणा की है कि 15 नवंबर 2025 से नया नियम लागू होगा। इसके तहत जिन वाहनों पर वैध या सक्रिय FASTag नहीं है, उनसे सामान्य टोल का 1.25 गुना शुल्क लिया जाएगा, लेकिन यह भुगतान केवल UPI के जरिए करना होगा।

- Advertisement -
Ad image

अब तक बिना FASTag वाले वाहनों से नकद में दोगुना टोल शुल्क लिया जाता था, जिससे वाहन मालिकों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता था। सरकार का कहना है कि यह कदम डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहित करने और नकद लेनदेन को खत्म करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नकद में भुगतान पर अब भी देना होगा दोगुना टोल

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई चालक अब भी नकद भुगतान करना चाहता है, तो उसे पहले की तरह दोगुना टोल शुल्क ही देना होगा। यानी, यदि किसी टोल प्लाजा पर कार के लिए सामान्य शुल्क 100 रुपये है, तो बिना FASTag और नकद भुगतान करने वाले को 200 रुपये देने होंगे। लेकिन नया नियम यह विकल्प देता है कि यदि चालक UPI से डिजिटल भुगतान करता है, तो उसे 100 रुपये का सिर्फ 1.25 गुना यानी 125 रुपये ही देना होगा।इस तरह, नकद भुगतान करने वालों की तुलना में डिजिटल भुगतान करने वाले को सीधी 75 रुपये की बचत होगी। यह बदलाव न केवल ड्राइवरों की जेब के लिए राहत है, बल्कि सरकार के लिए कैशलेस भारत मिशन को मजबूत करने का भी माध्यम है।

- Advertisement -
Ad image

दिल्ली-Meerut हाइवे पर उदाहरण से समझिए बचत

सरकार के नए नियम को बेहतर तरीके से समझने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का उदाहरण लें। वर्तमान में यहां सामान्य टोल 170 रुपये है। अगर आपकी गाड़ी में सक्रिय FASTag है, तो आपको केवल यही 170 रुपये देने होंगे। लेकिन यदि FASTag बंद है या बैलेंस खत्म हो गया है और आप नकद भुगतान करते हैं, तो आपको 340 रुपये (दोगुना टोल) चुकाने पड़ेंगे। वहीं, अगर आप उसी स्थिति में UPI से भुगतान करते हैं, तो आपका टोल 170 का 1.25 गुना यानी 212.50 रुपये होगा। इस तरह UPI भुगतान से लगभग 127.50 रुपये की बचत होती है। यह न केवल सस्ता है बल्कि तेज़ और झंझट-मुक्त प्रक्रिया भी है, जिससे टोल प्लाजा पर जाम जैसी स्थिति कम होगी।

सरकार का उद्देश्य, डिजिटल इंडिया की ओर एक और कदम

सरकार का यह कदम देश में डिजिटल भुगतान को सर्वसुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में FASTag के जरिये टोल कलेक्शन में बड़ी वृद्धि हुई है, लेकिन अब भी कुछ वाहन चालक तकनीकी कारणों या रिचार्ज की कमी के चलते FASTag का उपयोग नहीं कर पाते। नया नियम उन्हें पूरी तरह से दंडित करने के बजाय एक मध्यम रास्ता प्रदान करता है, जहां वे UPI जैसे डिजिटल माध्यमों से भुगतान कर कम राशि में काम चला सकते हैं। यह व्यवस्था राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 में संशोधन के बाद लागू की जा रही है। सरकार को उम्मीद है कि इससे न केवल टोल पर पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि नकद लेनदेन से होने वाली गड़बड़ियों में भी कमी आएगी।

Keywords: FASTag, UPI Payment, Toll Rules, Highway Toll, New Transport Policy, Digital Payment, Road Transport Ministry

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

- Advertisement -

- Advertisement -

- Advertisement -

लेटेस्ट
चुटकी शॉट्स
वीडियो
वेबस्टोरी
मेन्यू