केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि बीते 11 वर्षों में भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने बताया कि इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 6 गुना और निर्यात 8 गुना बढ़ा है। यह क्षेत्र अब 11.5 लाख करोड़ रुपए के उद्योग में तब्दील हो गया है और 25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है।
‘जरूरत की हर चीज का देश में हो रहा निर्माण’
वैष्णव ने बताया, “आज भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की जरूरत की हर चीज का निर्माण देश में ही हो रहा है। मोबाइल फोन के लगभग सभी पार्ट्स जैसे ग्लास, कवर, चिप, पीसीबी (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड), और कैमरा मॉड्यूल अब भारत में ही बनाए जा रहे हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में हरियाणा के सोहना में एक नई फैक्ट्री का उद्घाटन किया गया है, जहां स्मार्टफोन में उपयोग होने वाली बैटरियों का निर्माण होगा। यह फैक्ट्री 20 करोड़ बैटरी पैक बनाएगी, जबकि भारत को हर साल 50 करोड़ बैटरियों की आवश्यकता होती है।
मंत्री ने नागरिकों से ‘स्वदेशी’ उत्पादों को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा, “यह आत्मनिर्भर भारत का समय है। हर कोई बड़े उत्साह के साथ स्वदेशी को अपना रहा है। आप सभी से अनुरोध है कि अपने जीवन में भारत में बने उत्पादों का उपयोग बढ़ाएं।”
भारत बना इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब
भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में यह विकास देखा जा रहा है, जो देश को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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