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चैत्र नवरात्रि चौथा दिन: क्यों खास हैं मां कूष्मांडा और उनकी पूजा का महत्व?

चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप को समर्पित है, जो ब्रह्मांड की रचयिता मानी जाती हैं। जानें कैसे उनकी पूजा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है।

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25 सितंबर 2025 को चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाएगी। मां कूष्मांडा को ब्रह्मांड की रचयिता माना जाता है। भक्तों का मानना है कि उनकी पूजा से धन, ताकत, बुद्धि और अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है। यह दिन बहुत खास है, क्योंकि मां की कृपा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है। लोग सुबह जल्दी उठकर मां की पूजा करते हैं और भोग चढ़ाते हैं। आइए जानते हैं मां कूष्मांडा की पूजा और उनके महत्व के बारे में।

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मां कूष्मांडा का अनोखा स्वरूप

मां कूष्मांडा को आठ हाथों वाली देवी कहा जाता है। पुरानी कथाओं में बताया गया है कि जब दुनिया में सिर्फ अंधेरा था, तब मां ने अपनी हल्की मुस्कान से सृष्टि की रचना की। इसीलिए उनका नाम कूष्मांडा पड़ा। उनके आठ हाथों में कमल, धनुष, बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, जपमाला और कमंडल होते हैं। उनकी पूजा से सूर्य जैसी ऊर्जा मिलती है। यह स्वरूप बुद्धि और ज्ञान से जुड़ा है। ज्योतिष में मां का संबंध बुध ग्रह से है। उनकी पूजा से बुध ग्रह के दोष कम होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।

पूजा में क्या चढ़ाएं

मां कूष्मांडा को पीले रंग की चीजें बहुत पसंद हैं। भक्त उन्हें केसर वाला पेठा, सफेद पेठा, मालपुआ या बताशे चढ़ाते हैं। मिठाइयां भी भोग के लिए शुभ मानी जाती हैं। भोग चढ़ाते समय उसे साफ और शुद्ध रखना जरूरी है। भक्त मानते हैं कि मां इन भोग से खुश होती हैं और अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करती हैं। पूजा के बाद भोग को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। इससे मां का आशीर्वाद पूरे परिवार को मिलता है।

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पूजा की आसान विधि

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। पूजा स्थल को गंगाजल से साफ करें। एक लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर मां कूष्मांडा की मूर्ति या तस्वीर रखें। मां का ध्यान करते हुए पूजा शुरू करें। पीले फूल, फल, मिठाई, धूप, दीप और चावल चढ़ाएं। मां की आरती करें और भोग लगाएं। पूजा में दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। मंत्र जाप करें: “ऊं कूष्मांडायै नम:” या बीज मंत्र “ऐं ह्रीं देव्यै नम:”। अंत में मां से गलतियों की माफी मांगें। पूजा के समय शांति और श्रद्धा रखें।

बुध ग्रह का खास प्रभाव

ज्योतिष में मां कूष्मांडा का संबंध बुध ग्रह से है। बुध ग्रह बुद्धि, समझ और व्यापार को प्रभावित करता है। अगर किसी की कुंडली में बुध कमजोर है, तो मां कूष्मांडा की पूजा से फायदा हो सकता है। इस दिन मंत्र जाप और ध्यान करने से दिमाग तेज होता है। भक्तों को आत्मविश्वास और मानसिक शांति मिलती है। मां की पूजा से नकारात्मक विचार दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है।

पूजा से मिलने वाले लाभ

मां कूष्मांडा की पूजा से शारीरिक और मानसिक ताकत बढ़ती है। यह धन और अच्छी सेहत का आशीर्वाद देती है। भक्त मानते हैं कि मां की कृपा से डर और चिंता खत्म होती है। इस दिन पीले कपड़े पहनना और पीली चीजें दान करना शुभ माना जाता है। इससे मां और प्रसन्न होती हैं। पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और हर काम में सफलता मिलती है। भक्त इस दिन पूरे मन से मां की आराधना करते हैं।

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