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सोनम वांगचुक को पुलिस ने किया अरेस्ट, गिरफ्तारी से पहले दिया था ये बयान

लेह हिंसा में चार युवकों की मौत और करीब 90 लोगों के घायल होने के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है।

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लेह में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। इन घटनाओं में चार युवकों की मौत हो गई और करीब 90 लोग घायल हुए। साथ ही, सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा। इसी मामले में पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से पहले वांगचुक ने बयान दिया था कि उनका जेल में रहना सरकार के लिए उनकी आज़ादी से ज्यादा परेशानी खड़ी कर सकता है। उन्होंने गृह मंत्रालय द्वारा हिंसा की जिम्मेदारी उन पर डालने को “बलि का बकरा बनाने की रणनीति” करार दिया था। वांगचुक की गिरफ्तारी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है।

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हिंसा के बाद 50 से अधिक लोग हिरासत में

लद्दाख में फिलहाल स्थिति संवेदनशील लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालात शांतिपूर्ण बने हुए हैं और जरूरत पड़ने पर लोगों को आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है। हिंसा के बाद 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। करगिल सहित प्रमुख शहरों में निषेधाज्ञा लागू है, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के जुटने पर रोक है। शहर की गलियां पुलिस और अर्धसैनिक बल की गश्त से सन्नाटे में डूबी नजर आ रही हैं। हालांकि, स्थानीय लोग राशन, दूध और सब्जियों जैसी जरूरी चीजों की कमी को लेकर परेशान हैं।

शिक्षा संस्थान दो दिन बंद, लोगों में असुरक्षा की भावना

लेह जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए दो दिनों के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्र बंद करने का आदेश दिया है। जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने साफ किया कि यह कदम एहतियातन उठाया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। शिक्षा संस्थानों के बंद होने से अभिभावकों और छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं, व्यापार और छोटे रोजगार पर भी इसका असर पड़ रहा है।

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केंद्र सरकार की टीम ने किया हालात का जायजा

बृहस्पतिवार को गृह मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय टीम लेह पहुंची और सुरक्षा स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। इस टीम ने एलएबी प्रतिनिधियों, उपराज्यपाल, प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर घटनाक्रम की रिपोर्ट ली। लगातार बैठकों का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि हालात पर नियंत्रण रखा जाए और आगे किसी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में प्रशासन को संवाद और सख्ती, दोनों के संतुलन से हालात सामान्य बनाने होंगे। लेह की मौजूदा स्थिति न सिर्फ प्रशासनिक चुनौती है बल्कि लोगों के भरोसे और सामाजिक ताने-बाने की भी परीक्षा बन चुकी है।

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