आजादी के बाद पहली बार बुधवार को बिहार में कांग्रेस की राष्ट्रीय वर्किंग कमेटी की बैठक हो रही है। पटना के सदाकत आश्रम में बैठक की शुरुआत हो गई है। 84 साल बाद बिहार में आयोजित हो रहे हैं इस बैठक में कई मुद्दे पर बातचीत होगी। बिहार में पेपर लीक, वोट चोरी और बिहार चुनाव इन तमाम मुद्दों पर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में बातचीत होगी।
फिलहाल सदाकत आश्रम में तमाम राज्यों से बड़े-बड़े नेता पहुंचे हुए हैं। बिहार के चार सदस्य जो इस कार्य समिति के सदस्य हैं कन्हैया कुमार, अखिलेश सिंह, मीरा कुमार, और तारीफ अनवर पहले से ही कार्यक्रम में डटे हुए हैं।
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी का झंडा तोलन कर बैठक का विधवत शुरुआत कर दी है। सब की नजर इन दोनों बड़े नेताओं पर है। उम्मीद की जा रही है की इस बड़े बैठक में बिहार चुनाव को लेकर पार्टी द्वारा कार्यकर्ताओं को कई निर्देश दिए जाएंगे।
बैठक में नेताओं द्वारा आने वाले समय में कांग्रेस क्या करेगी किस तरीके से बिहार चुनाव लड़ेगी इसको लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही साथ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और वोटर अधिकारी यात्रा से बिहार में कितना फायदा हुआ है इस पर भी चर्चा होगी।
बिहार में कुछ ही समय में चुनाव की घोषणा होना है। ऐसे में कांग्रेस की यह बड़ी बैठक पर विरोधियों के साथ-साथ सहयोगी दलों की भी नजर टिकी हुई है। कुछ दिन पहले बिहार कांग्रेस के नेताओं ने जिस तरह से विधानसभा में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी उसे लेकर यह बैठक काफी महत्वपूर्ण हो गया है। यह माना जा रहा है कि इस बैठक में यह तय हो जाएगा कि बिहार में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी या फिर आरजेडी को साथ लेकर चलेगी।
फिलहाल महागठबंधन में सीट बटवारा का मामला फंसा हुआ है। ऐसे में कांग्रेस की यह बड़ी बैठक एक प्रेशर पॉलिटिक्स के रूप में भी देखा जा रहा है। इधर कांग्रेस में दो धारा की राजनीति चल रही है। एक धारा के लोग जहां महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं जबकि दूसरे लोगों का कहना है कि बिहार में कांग्रेस को खोने के लिए कुछ नहीं है ऐसे में अकेले चुनाव लड़कर पार्टी को मजबूत करने का प्रयास किया जाए। अब इस बैठक में दोनों विचारधारा के लोग मौजूद हैं जहां अंतिम मोहर लगेगी।
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