पिछले दो वर्षों से गाजा में जारी संघर्ष ने हजारों लोगों की जान ले ली और क्षेत्र को खून-खराबे की जंग में झोंक दिया। लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से शुरू हुई शांति पहल ने एक नई उम्मीद जगाई है। खबरों के अनुसार, हमास ने ट्रंप की योजना की कई अहम शर्तें मानने पर सहमति जताई है, वहीं इजरायल ने भी संकेत दिया है कि वह गाजा पर हमले बंद करेगा। यह घटनाक्रम इस ओर इशारा करता है कि लंबे समय से अशांत इलाका अब स्थायी शांति की ओर कदम बढ़ा सकता है।
पीएम मोदी ने की अमेरिकी पहल की प्रशंसा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरी प्रक्रिया की सराहना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति राष्ट्रपति ट्रंप के मजबूत नेतृत्व की देन है। मोदी ने कहा कि बंधकों की रिहाई के संकेत बेहद सकारात्मक हैं और यह भविष्य में स्थायी और न्यायपूर्ण शांति की दिशा में अहम कदम साबित हो सकते हैं। भारत ने हमेशा से मध्य पूर्व में स्थिरता और संवाद को प्राथमिकता दी है, और मोदी का यह बयान उसी नीति की निरंतरता को दर्शाता है।
We welcome President Trump’s leadership as peace efforts in Gaza make decisive progress. Indications of the release of hostages mark a significant step forward.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2025
India will continue to strongly support all efforts towards a durable and just peace.@realDonaldTrump @POTUS
ट्रंप की योजना और हमास की सहमति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए जो शांति योजना पेश की, उसमें कई चरण शामिल हैं। योजना के तहत हमास न केवल बंधकों को रिहा करने को तैयार है, बल्कि उसने अन्य फलस्तीनी गुटों को सत्ता सौंपने की बात भी स्वीकार की है। हालांकि, योजना के कुछ पहलुओं पर अब भी फलस्तीनियों के बीच विचार-विमर्श की आवश्यकता है। ट्रंप ने हमास की इस सहमति का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि अब गाजा लम्बे समय के शांति के लिए तैयार है। उन्होंने इजरायल से अपील की कि बमबारी रोकना ही सबसे सही रास्ता है, ताकि बंधकों की सुरक्षित रिहाई संभव हो सके।
इजरायल ने दी प्रतिक्रिया
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी संकेत दिया है कि उनका देश युद्ध समाप्त करने की दिशा में ट्रंप की योजना के पहले चरण को लागू करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इजरायल अपने सुरक्षा सिद्धांतों के साथ समझौता किए बिना शांति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में सहयोग देगा। यह रुख बताता है कि दोनों पक्ष अब थकान और जनहानि के बाद शांति की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। हालांकि, यह भी सच है कि गाजा की राजनीति बेहद जटिल है और किसी भी पहल को स्थायी रूप देने के लिए सभी पक्षों की प्रतिबद्धता आवश्यक होगी।
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