- Advertisement -

ट्रंप को बगराम एयरबेस चाहिए, तालिबान ने किया विरोध, क्या पाकिस्तान बनेगा अमेरिका की सीढ़ी?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बगराम एयरबेस पर कब्जे की बात कही। इसके लिए वह पाकिस्तान की मदद ले सकते हैं।

4 Min Read

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर फिर से कब्जे की बात कही। उन्होंने तालिबान को चेतावनी दी कि अगर यह बेस अमेरिका को नहीं दिया गया, तो गंभीर नतीजे होंगे। तालिबान ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि वे किसी भी हाल में अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान में आने नहीं देंगे। इस बीच, खबरें हैं कि अमेरिका इस मिशन में पाकिस्तान को अपने साथ ले सकता है। सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बात की थी। यह खबर क्षेत्र में नए तनाव की वजह बन रही है।

- Advertisement -
Ad image

बगराम एयरबेस क्यों है खास

बगराम एयरबेस अफगानिस्तान के परवान प्रांत में काबुल से 44 किलोमीटर उत्तर में है। यह अपनी रणनीतिक अहमियत के लिए मशहूर है। यह बेस चीन के पश्चिमी परमाणु केंद्रों और मिसाइल ठिकानों के करीब है। ट्रंप का कहना है कि यह बेस चीन, ईरान और रूस की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जरूरी है। 2021 में अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना हटाई थी, जिसके बाद तालिबान ने इस बेस पर कब्जा कर लिया। ट्रंप मानते हैं कि बेस छोड़ना गलती थी और अब वे इसे वापस लेना चाहते हैं।

पाकिस्तान की क्या होगी भूमिका

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से गुप्त बातचीत की थी। अमेरिका सोचता है कि पाकिस्तान उसका अहम सहयोगी हो सकता है। पहले भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियानों के लिए रसद और खुफिया जानकारी दी थी। ट्रंप ने कई बार जनरल मुनीर की तारीफ की है। इससे लगता है कि अमेरिका पाकिस्तान को बगराम मिशन में साथ लेना चाहता है। बदले में पाकिस्तान को सैन्य उपकरण और आर्थिक मदद मिल सकती है।

- Advertisement -
Ad image

तालिबान का सख्त जवाब

तालिबान ने अमेरिका की मांग को पूरी तरह खारिज कर दिया। तालिबान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा कि अगर अमेरिका बगराम पर कब्जे की कोशिश करेगा, तो वे अगले 20 साल तक लड़ने को तैयार हैं। तालिबान के विदेश मंत्रालय के अधिकारी जाकिर जलाली ने भी कहा कि अफगानिस्तान में किसी विदेशी सेना को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी। 2021 के दोहा समझौते में अमेरिका ने अफगानिस्तान से सेना हटाने का वादा किया था, और तालिबान इसे तोड़ने की अनुमति नहीं देगा।

क्षेत्र पर असर

अगर अमेरिका बगराम एयरबेस पर फिर से कब्जा करता है, तो यह क्षेत्र में शक्ति का समीकरण बदल सकता है। पाकिस्तान की मदद से अमेरिका की स्थिति मजबूत होगी, जिससे इस्लामाबाद को वैश्विक मंच पर अपनी बात रखने में मदद मिलेगी। पाकिस्तान इस मौके का फायदा उठाकर अपनी सेना को मजबूत कर सकता है। वहीं, तालिबान और चीन ने ट्रंप के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। चीन का कहना है कि इससे क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता बढ़ेगी। इस खबर ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और क्षेत्र के दूसरे देशों में चर्चा तेज कर दी है।

Keywords:Bagram Airbase, Donald Trump Pakistan, Afghanistan Strategy, Us Pakistan Relations, Taliban Us Conflict

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

- Advertisement -

- Advertisement -

- Advertisement -

लेटेस्ट
चुटकी शॉट्स
वीडियो
वेबस्टोरी
मेन्यू