पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हालात पूरी तरह से तनावपूर्ण हो गए हैं। अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में हजारों लोग सड़कों पर उतरे हैं और सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं। मुजफ्फराबाद से कोटली तक, प्रदर्शनकारियों ने हक और इंसाफ की मांग को लेकर जोरदार नारे लगाए। इस हड़ताल और विरोध के कारण आम जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है। दुकानें बंद हैं, सड़कें जाम हैं और सार्वजनिक परिवहन ठप पड़ा है। नागरिकों की बढ़ती भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोग लंबे समय से उनके अधिकारों की अनदेखी के खिलाफ नाराज हैं।
अवामी एक्शन कमेटी को मिल रहा भारी समर्थन
अवामी एक्शन कमेटी ने हाल के महीनों में काफी लोकप्रियता हासिल की है। यह संगठन मुख्य रूप से युवा पीढ़ी के बीच सक्रिय है और उनकी भागीदारी लगातार बढ़ रही है। संगठन ने 38 सूत्रीय चार्टर पेश किया है, जिसमें संरचनात्मक सुधारों की मांग की गई है। प्रमुख मांगों में PoK विधानसभा में कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधायी सीटों को समाप्त करना, सब्सिडी वाला आटा उपलब्ध कराना, मंगला जलविद्युत परियोजना से उचित बिजली दरें सुनिश्चित करना और पाकिस्तान सरकार के पुराने वादों को लागू करना शामिल है। यह दर्शाता है कि जनता अब सिर्फ विरोध ही नहीं बल्कि ठोस बदलाव की भी मांग कर रही है।
पीओके को कॉलोनी मानती है पाकिस्तानी सरकार
अवामी एक्शन कमेटी के प्रमुख शौकत नवाज मीर ने मुजफ्फराबाद में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उनका संघर्ष 1947 से छूटे बुनियादी अधिकारों को हासिल करने का है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान सरकार PoK को अपने अधिकारों वाला हिस्सा नहीं मानती, बल्कि इसे सिर्फ एक कॉलोनी की तरह देखती है। यही कारण है कि स्थानीय लोग लंबे समय से उनके अधिकारों और संसाधनों की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इस आंदोलन में लोगों की बढ़ती भागीदारी यह संकेत देती है कि पीओके की जनता अब मौन नहीं रहना चाहती।
पाकिस्तानी सरकार की कड़ी कार्रवाई
विरोध-प्रदर्शन बढ़ने के साथ ही पाकिस्तान सरकार ने इसे दबाने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। कई इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और मुजफ्फराबाद जैसे शहरों में प्रवेश और निकास मार्गों को अवरुद्ध किया गया है। इसके अलावा, इस्लामाबाद से अतिरिक्त बल भी मंगाए गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। इन उपायों के बावजूद, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अडिग हैं और अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में आंदोलनों की गति तेज होती जा रही है।
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