भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में पिछले कुछ महीनों में खिंचाव देखने को मिला है, खासतौर पर व्यापार और वीजा से जुड़े मुद्दों पर। ऐसे में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब टैरिफ वॉर और H-1B वीजा प्रतिबंधों के चलते दोनों देशों के बीच व्यापार पर असर पड़ा है। हाल ही में 16 सितंबर को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत आया था, जहां विभिन्न व्यापारिक पहलुओं पर चर्चा हुई थी। अब इसी कड़ी में भारत का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा है।
इन मुख्य मुद्दों पर हो सकती है बातचीत
टैरिफ विवाद:
अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल व्यापार को लेकर भारी टैरिफ लगाया है, जिससे भारत के कई सेक्टर्स प्रभावित हुए हैं। इस मुद्दे पर दोनों देश बीच का समाधान तलाशने की कोशिश करेंगे।
ट्रेड डील (व्यापार समझौता):
भारत और अमेरिका के बीच रुकी हुई व्यापारिक बातचीत को फिर से गति देने की उम्मीद है। मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक से मुलाकात कर इसे आगे बढ़ाएंगे।
H-1B वीजा:
अमेरिका में कार्यरत भारतीयों के लिए H-1B वीजा अहम है। हाल के बदलावों से इसमें कई चुनौतियां आई हैं। यह मुद्दा विदेश मंत्री जयशंकर और उनके समकक्ष मार्को रुबियो के बीच बातचीत का अहम हिस्सा रहेगा।
जयशंकर और रुबियो की तीसरी मुलाकात
यह इस वर्ष एस. जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच तीसरी बैठक होगी। इससे पहले वे जनवरी और जुलाई में क्वाड की बैठकों में मिल चुके हैं। लेकिन इस बार की मुलाकात ज्यादा संवेदनशील और निर्णायक मानी जा रही है क्योंकि वर्तमान में भारत-अमेरिका संबंधों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।
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