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यरुशलम में दिल दहलाने वाली गोलीबारी: 6 की मौत, 15 घायल, हमास ने की तारीफ

यरुशलम के रामोट इलाके में दो हमलावरों ने बस स्टॉप पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 6 इजराइली नागरिक मारे गए और 15 घायल हुए। इजराइली सुरक्षा बलों ने हमलावरों को ढेर कर दिया, जबकि हमास ने हमले की तारीफ की। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने आपातकालीन बैठक बुलाई, और पूरे देश में हाई अलर्ट जारी है।

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इजराइल की राजधानी यरुशलम के रामोट इलाके में सोमवार को दिनदहाड़े हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। दो हमलावरों ने भीड़भाड़ वाले बस स्टॉप पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 6

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नागरिकों की जान चली गई और 15 लोग घायल हो गए। इस हमले ने अक्टूबर 2024 के बाद इजराइल में सबसे बड़े आतंकी हमले की यादें ताजा कर दीं। हमास ने इस हमले की जिम्मेदारी तो नहीं ली, लेकिन इसे ‘वीरतापूर्ण’ बताकर तारीफ की है। आइए, इस घटना की पूरी कहानी जानते हैं।

रामोट में मची तबाही: क्या हुआ?

सोमवार की सुबह यरुशलम के रामोट जंक्शन पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब दो हमलावर एक बस स्टॉप के पास पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने पहले बस में सवार होकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की। देखते ही देखते 6 लोग मारे गए, और 15 अन्य घायल हो गए, जिनमें से 7 की हालत गंभीर बताई जा रही है। इजराइली सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों हमलावरों को मौके पर ही ढेर कर दिया।

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पुलिस के अनुसार, हमलावर पश्चिमी तट (वेस्ट बैंक) के फिलिस्तीनी थे। उनकी पहचान अभी जाहिर नहीं की गई है, लेकिन जांच तेजी से चल रही है। इस हमले ने न केवल यरुशलम, बल्कि पूरे इजराइल में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हमास की प्रतिक्रिया: तारीफ, लेकिन जिम्मेदारी नहीं

हमास ने इस हमले को ‘हमारे लोगों के खिलाफ इजराइली युद्ध का जवाब’ करार देते हुए इसकी तारीफ की। हालांकि, संगठन ने इसकी जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है। हमास ने पश्चिमी तट के फिलिस्तीनियों से इजराइली ताकतों के खिलाफ टकराव तेज करने का आह्वान किया। ये बयान क्षेत्र में तनाव को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है। पिछले साल तेल अवीव में हुए रेलवे स्टेशन हमले की तरह, जहां 7 लोग मारे गए थे, इस घटना ने भी हमास के हिंसक रुख को उजागर किया है।

इजराइल की प्रतिक्रिया

हमले के तुरंत बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक आपातकालीन सुरक्षा बैठक बुलाई। नेशनल सिक्योरिटी मिनिस्टर इतामार बेन ग्वीर खुद रामोट जंक्शन पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस और सुरक्षा बलों ने घटनास्थल को सील कर दिया, और पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

इजराइली सेना ने पश्चिमी तट के रामल्लाह के आसपास के गांवों में गश्त बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि हमलावर इन्हीं इलाकों से यरुशलम पहुंचे थे। इसके अलावा, यरुशलम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने नेतन्याहू के खिलाफ चल रही एक सुनवाई को स्थगित कर दिया, ताकि प्रशासन इस संकट पर पूरी तरह ध्यान दे सके।

ये हमला क्यों है अहम?

ये गोलीबारी अक्टूबर 2024 के बाद इजराइल में सबसे घातक हमला है। पिछले साल तेल अवीव में हुए हमले के बाद से इजराइल और पश्चिमी तट के बीच तनाव चरम पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के हमले क्षेत्र में अस्थिरता को और बढ़ा सकते हैं। रामोट जंक्शन जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाना न केवल आम लोगों के लिए खतरा है, बल्कि ये इजराइली सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी एक बड़ी चुनौती है।

इस हमले ने इजराइल-फिलिस्तीन तनाव को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। क्या ये घटना क्षेत्र में हिंसा की नई लहर को जन्म देगी, या फिर शांति की कोशिशों को बल मिलेगा? ये सवाल हर किसी के मन में है। इजराइली सुरक्षा बलों ने पूरे देश में सतर्कता बढ़ा दी है, और पश्चिमी तट में सैन्य कार्रवाइयां तेज हो सकती हैं।

Keywords – Jerusalem Shooting, Ramot Attack, Israel-Palestine Conflict, Hamas, Security Alert

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