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Bareilly Violence: 5 दिन से चल रही साजिश का हुआ खुलासा, योगी सरकार आरोपियों पर NSA लगाने को तैयार

बरेली हिंसा योजनाबद्ध निकली, पुलिस जांच में खुलासा। अब तक 39 गिरफ्तार, दोषियों पर NSA के तहत कार्रवाई की तैयारी जारी है।

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बरेली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, उपद्रवियों ने इस पूरे घटनाक्रम की प्लानिंग कम से कम पांच दिन पहले से ही शुरू कर दी थी। इस दौरान न केवल भीड़ जुटाने बल्कि सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के जरिए लोगों को उकसाने की कोशिशें भी की गईं। पुलिस का कहना है कि हिंसा में शामिल हर व्यक्ति की पहचान की जा रही है और उनकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगाली जा रही है। अब तक इस मामले में कुल दस FIR दर्ज की गई हैं और 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इतना ही नहीं, जिन आयोजकों ने इस भीड़ को एकत्र करने की कोशिश की, उनके खिलाफ भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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जुमे की नमाज के बाद भड़की भीड़

घटना शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उस समय हुई जब बड़ी संख्या में लोग बरेली के कोतवाली क्षेत्र स्थित एक मस्जिद और मौलाना तौकीर रजा के आवास के बाहर इकट्ठा हो गए। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख तौकीर रजा के आह्वान पर यह जुटान हुआ था। बताया जा रहा है कि यह प्रदर्शन ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में होना था। हालांकि, प्रशासन ने समय रहते इसकी अनुमति नहीं दी थी। जब प्रदर्शन अचानक रद्द कर दिया गया तो भीड़ ने नाराजगी जताई और पुलिस के साथ झड़प हो गई। हालात बिगड़ते ही पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं और भारी सुरक्षा बल मौके पर तैनात कर दिया गया।

वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से हो रही उपद्रवियों की पहचान

सोशल मीडिया पर इस हिंसा के कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि स्थानीय लोग लाठियों के साथ पुलिस बल से भिड़ रहे हैं। अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पाया। पुलिस अब इन वीडियो और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से उपद्रवियों की पहचान कर रही है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और लोग अपने दैनिक कार्यों में लौट चुके हैं। प्रशासन लगातार अपील कर रहा है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।

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कानपुर प्रकरण से जुड़ा विवाद

विशेषज्ञ मानते हैं कि बरेली का यह विवाद सीधे तौर पर कानपुर की घटना से जुड़ा है। दरअसल, 4 सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान कुछ लोगों पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे बोर्ड लगाने का आरोप लगा था, जिसके चलते नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। उसी घटना के बाद से माहौल संवेदनशील बना हुआ था और 9 सितंबर से इस पर बहस और नाराजगी जारी थी। बरेली की हिंसा उसी विवाद का विस्तार मानी जा रही है। पुलिस का कहना है कि जो भी लोग सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

Keywords Bareilly Violence, Uttar Pradesh Unrest, I Love Mohammad Campaign, NSA Action Bareilly, Uttar Pradesh Communal Tension

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