उत्तर प्रदेश की राजनीति के कद्दावर चेहरा आजम खान जेल से रिहा हो गए। आजम खान के बेटे ने 25 गाड़ियों के काफिले के साथ उन्हें लाने के लिए जेल पहुंचा, लेकिन इस दौरान पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई कर दी। दरअसल नो पार्किंग जोन में खड़ी सभी गाड़ियों का चालान कट गया और 73500 रुपये चालान के रूप में जमा करना पड़ा।
आजम खान लंबे समय से जेल में बंद थे। उनके विरुद्ध कई मामले चल रहे थे, एक मामले में सुनवाई होता तो नया मामला फिर से शुरू हो जाता। हालांकि अब वे जेल से बाहर आ गए हैं, उनके जेल से रिहा होने पर समर्थकों का उत्साह चरम पर है।
अभी आजम खान सपा में ही है, इस पार्टी से उनका पुराना रिश्ता रहा है, जब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार थी तो आजम खान की तूती बोलती थी। लेकिन इधर उनके समर्थक सपा नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। आरोप है कि अखिलेश यादव आजम खान को नजरअंदाज करते रहे हैं जिससे समर्थकों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।
अपनी पुरानी पार्टी सपा से नाराज चल रहे आजम खान अब बसपा से जुड़कर राजनीति की नई पारी खेल सकते हैं। 9 अक्टूबर को मायावती द्वारा लखनऊ में एक बड़ा कार्यक्रम कराया जा रहा है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि आजम खान इस कार्यक्रम में शिरकत करते हुए बसपा में खुद को शामिल कर सकते हैं। हालांकि इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से अखिलेश यादव उन्हें अहमियत नहीं दे रहे हैं उससे इसकी संभावना प्रबल बन रही है।
उत्तर प्रदेश में अब मायावती का जादू पहले की तरह नहीं चल पा रहा है। भाजपा के बाद सपा प्रदेश की राजनीति में सबसे ज्यादा मुखर है। ऐसे में मायावती को अपनी पार्टी को फिर से बुलंदी पर पहुंचने की चुनौती है। इस चुनौती को आसान बनाने के लिए वे आजम खान को साथ लेना जरूर चाहेंगे। हालांकि यह 9 अक्टूबर को ही पता चलेगा कि आजम खान सपा को छोड़कर बसपा का दामन थामते हैं कि नहीं।
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