भारतीय सेना ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। सेना ने ‘अनंत शस्त्र’ नामक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की 5 से 6 रेजिमेंट खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है। यह टेंडर सरकार के स्वदेशी रक्षा उद्योग की प्रमुख कंपनी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को दिया गया है। यह कदम खासतौर पर पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
‘अनंत शस्त्र’ की खासियत
‘अनंत शस्त्र’ प्रणाली अत्यधिक गतिशील है और चलते-फिरते लक्ष्यों को खोजने तथा ट्रैक करने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता लगभग 30 किलोमीटर है और यह कम समय के ठहराव पर भी फायर कर सकती है। यह मिसाइल प्रणाली मौजूदा MR-SAM और आकाश प्रणालियों की पूरक के रूप में काम करेगी और छोटी से मध्यम दूरी की हवाई सुरक्षा प्रदान करेगी। इसके परीक्षण दिन और रात दोनों समय में सफलतापूर्वक किए गए, जिससे इसकी विश्वसनीयता और प्रभावशीलता साबित हुई है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने बढ़ाया महत्व
इस रक्षा खरीद की योजना का एक बड़ा कारण हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को विफल करना रहा। इस ऑपरेशन की सफलता ने स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली की क्षमता को साबित किया और रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इसी के तुरंत बाद इसकी खरीद को मंजूरी दे दी। यह प्रणाली पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर तैनात की जाएगी, जिससे भारतीय सेना की हवाई सुरक्षा में नई ताकत और फुर्ती आएगी।
सीमाओं पर सुरक्षा में सुधार
‘अनंत शस्त्र’ की तैनाती से भारतीय सेना की सीमाओं पर हवाई सुरक्षा काफी मजबूत होगी। इसकी गतिशीलता और छोटे समय में कार्रवाई की क्षमता इसे आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं के अनुकूल बनाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ सीमाओं पर तत्काल खतरे का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भविष्य में यह मिसाइल प्रणाली देश की रक्षा रणनीति को और अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने में मदद करेगी।
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