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भारतीय क्रिकेट जर्सी में छिपे हैं कई राज, जानिए कैसे तैयार होती है ये खास पोशाक

भारतीय क्रिकेट टीम की नीली जर्सी में पॉली-कॉटन फैब्रिक का खास मिश्रण होता है जो खिलाड़ियों को आराम देता है और बेहतर प्रदर्शन में मदद करता है।

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भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन है। जब भी टीम इंडिया अपनी नीली जर्सी पहनकर मैदान पर उतरती है तो पूरा देश उनके साथ खड़ा हो जाता है। यह नीली पोशाक केवल कपड़ा नहीं बल्कि भारत की गरिमा और खिलाड़ियों के जुनून की पहचान है।

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नीले रंग की खासियत और महत्व

टीम इंडिया की जर्सी का नीला रंग बिना वजह नहीं चुना गया है। यह रंग भारत के तिरंगे में मौजूद अशोक चक्र का प्रतीक है और आसमान की विशालता को दर्शाता है। नीला रंग शांति और स्थिरता का भी प्रतीक माना जाता है जो खिलाड़ियों को मानसिक मजबूती देता है। इस रंग से जुड़ी भावनाएं प्रशंसकों में गर्व की भावना पैदा करती हैं।

जर्सी में इस्तेमाल होने वाला खास फैब्रिक

भारतीय क्रिकेट जर्सी बनाने के लिए पॉली-कॉटन का विशेष मिश्रण इस्तेमाल होता है। इसमें साठ पांच प्रतिशत कपास और पैंतीस प्रतिशत पॉलिएस्टर का मिश्रण होता है। यह संयोजन कपड़े को हल्का बनाता है और पसीना जल्दी सोखता है। खिलाड़ी जब तेज धूप में घंटों खेलते हैं तो यह फैब्रिक उन्हें ठंडक का एहसास दिलाता है।

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आराम और प्रदर्शन के लिए डिजाइन

जर्सी का डिजाइन खिलाड़ियों के आराम को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। इसकी बनावट इस तरह होती है कि यह शरीर पर चिपकती नहीं है और हवा का अच्छा संचार होता रहता है। कपड़े की बारीक बुनाई त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाती और लंबे समय तक पहनने में आसानी होती है। जर्सी में इस्तेमाल होने वाले धागे मजबूत होते हैं लेकिन भारी नहीं लगते।

निर्माण प्रक्रिया और गुणवत्ता

टीम इंडिया की जर्सी बनाने में कई महीनों की मेहनत लगती है। पहले डिजाइन तैयार किया जाता है फिर फैब्रिक का चुनाव होता है। रंगों की स्थिरता और धुलाई के बाद भी रंग बना रहे इसका खास ध्यान रखा जाता है। प्रत्येक जर्सी को कई गुणवत्ता जांच से गुजारा जाता है ताकि खिलाड़ियों को किसी तरह की परेशानी न हो।

खिलाड़ियों के लिए विशेष सुविधाएं

आधुनिक जर्सी में कई तकनीकी सुविधाएं होती हैं। पसीना सोखने वाले पैनल अलग जगहों पर लगाए जाते हैं। गर्दन के पास का हिस्सा नरम होता है ताकि रगड़ न लगे। जर्सी के आस्तीन की लंबाई और चौड़ाई भी खिलाड़ी की सुविधा के अनुसार तय की जाती है। यह सभी छोटी बातें मिलकर खिलाड़ी के खेल को बेहतर बनाती हैं।

भावनात्मक जुड़ाव और सांस्कृतिक महत्व

नीली जर्सी सिर्फ खेल की पोशाक नहीं बल्कि लाखों प्रशंसकों की भावनाओं से जुड़ी है। जब खिलाड़ी इसे पहनकर मैदान पर उतरते हैं तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। यह जर्सी हर जीत में खुशी का कारण बनती है और हार में भी उम्मीद बंधाती रहती है। समय के साथ इसका डिजाइन बदलता रहता है लेकिन इसका भावनात्मक मूल्य हमेशा बना रहता है।

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