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पंजाब में बाढ़ का कहर! 1300 गांव डूबे, सतलुज-ब्यास-रावी उफान पर, लाखों लोग प्रभावित!

पंजाब इस समय दशकों की सबसे भयानक बाढ़ की चपेट में है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान और भारी बारिश ने राज्य के कई जिलों में तबाही मचा दी है।

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पंजाब में अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 2.56 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। 1300 से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं और 96,000 हेक्टेयर से ज्यादा खेती की जमीन बर्बाद हो चुकी है। सेना, NDRF और पुलिस राहत कार्यों में दिन-रात जुटी हुई है। आइए इस संकट की पूरी कहानी जानते हैं।

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बाढ़ ने बिगाड़े हालात

पंजाब में अगस्त की शुरुआत से ही भारी बारिश और हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में तेज बारिश ने सतलुज, ब्यास और रावी नदियों को उफान पर ला दिया। रावी नदी अपनी सामान्य चौड़ाई से 10 गुना तक फैल गई, जिससे कई गांव और खेत जलमग्न हो गए। पंजाब में अगस्त में 253.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 74 फीसदी ज्यादा है। यह पिछले 25 सालों में सबसे ज्यादा बारिश है। बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण भी हालात और बिगड़ गए।

सबसे ज्यादा प्रभावित जिले

बाढ़ ने अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला और जालंधर जैसे जिलों में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। अमृतसर में 35,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि फिरोजपुर में 24,015 और फाजिल्का में 21,562 लोग इस आपदा की चपेट में आए। गुरदासपुर में 321 गांव और कपूरथला में 115 गांव पानी में डूब गए। होशियारपुर में कुकरां बंध टूटने से कई गांवों में पानी घुस गया। पठानकोट में 6 लोगों की मौत हुई, जबकि 3 लोग अब भी लापता हैं।

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राहत और बचाव कार्य

प्रशासन ने अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। गुरदासपुर में 5,549 और फिरोजपुर में 3,321 लोगों को बचाया गया। NDRF की 20 टीमें पठानकोट, अमृतसर, फिरोजपुर और बठिंडा में तैनात हैं। सेना और BSF भी बोट्स और हेलीकॉप्टरों के जरिए लोगों को निकाल रही हैं। फिरोजपुर में 400 मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, जहां 8,700 मरीजों का इलाज हुआ। गर्भवती महिलाओं और बच्चों की खास देखभाल की जा रही है। गुरुद्वारों की मदद से प्रभावित परिवारों को खाना भी दिया जा रहा है।

स्कूल-कॉलेज बंद, सड़कें प्रभावित

भारी बारिश के कारण चंडीगढ़ और पंजाब में सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी 3 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं। कई सड़कें और पुल टूट गए हैं, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया है। पठानकोट-जम्मू हाईवे भी प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।

सरकार का एक्शन

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे हाल के इतिहास की सबसे भयानक बाढ़ बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 60,000 करोड़ रुपये की मदद मांगी है। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया 2 से 4 सितंबर तक फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट और होशियारपुर का दौरा करेंगे। सीएम ने कहा कि राहत कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।

Keywords: Punjab Flood Crisis, Satluj Beas Ravi, Heavy Rainfall Impact, Flood Relief Operations, Affected Villages

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