शनिवार की रात लगभग 11 बजे नायर अस्पताल के आधिकारिक ई-मेल पर बम धमकी का संदेश आया। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी। चंद मिनटों में बम निरोधक दस्ते और सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे और पूरे परिसर की तलाशी ली। ऑपरेशन देर रात तक चला, लेकिन कहीं भी कोई विस्फोटक या संदिग्ध सामग्री नहीं मिली। जांच के बाद इस धमकी को फर्जी करार दिया गया, लेकिन उस दौरान अस्पताल परिसर में मरीजों और स्टाफ में दहशत का माहौल जरूर बना रहा।
पुलिस की जांच और तकनीकी सुराग
धमकी की सूचना मिलते ही पुलिस ने वॉर्ली थाने में मामला दर्ज कर, तकनीकी जांच शुरू की। ई-मेल भेजने वाले की पहचान के लिए साइबर सेल को लगाया गया है। पुलिस नेटवर्क लॉग्स, कैमरा फुटेज और अन्य डिजिटल ट्रेल की बारीकी से जांच कर रही है। अधिकारी मानते हैं कि इस तरह की फर्जी धमकियां न केवल संसाधनों पर बोझ डालती हैं, बल्कि आम जनता के मन में भय भी पैदा करती हैं। इसलिए असली आरोपी तक पहुंचना जरूरी है ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।
फर्जी धमकियों की बढ़ती संख्या
यह घटना अकेली नहीं है। कुछ दिन पहले मुंबई ट्रैफिक पुलिस की हेल्पलाइन पर संदेश भेजा गया था कि शहर में “34 मानव बम” और सैकड़ों किलो विस्फोटक छिपाए गए हैं। इससे पहले कलवा स्टेशन, आईएसकॉन मंदिर और एयरपोर्ट तक को बम धमकी मिल चुकी है। हर बार भारी सुरक्षा व्यवस्था और तलाशी के बावजूद कोई ठोस सबूत नहीं मिला। इस सिलसिलेवार घटनाक्रम से स्पष्ट है कि कोई शरारती तत्व लगातार दहशत फैलाने की कोशिश कर रहा है।
नागरिकों की जिम्मेदारी और प्रशासन की अपील
मुंबई पुलिस और प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि ऐसे समय पर अफवाह न फैलाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। शहर में त्योहारों और भीड़-भाड़ के आयोजनों को देखते हुए सुरक्षा और सतर्कता दोनों की जरूरत है। तकनीकी निगरानी, अतिरिक्त पुलिस बल और नागरिकों की सजगता ये तीनों मिलकर ही ऐसे संकट से बचाव का मजबूत रास्ता बनाते हैं। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सुरक्षा सिर्फ प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का अहम् कर्तव्य है।
Keywords – Mumbai Nair Hospital, Bomb Threat Mumbai, Fake Bomb Threat, Cyber Threat In Mumbai