अक्षय कुमार की फिल्मों में सिर्फ एक्शन और कॉमेडी नहीं बल्कि सामाजिक संदेश भी छुपा होता है। हाल ही में उन्होंने खुलासा किया कि कैसे उन्होंने अपनी चर्चित फिल्मों टॉयलेट एक प्रेमकथा और पैडमैन बनाई, और क्यों कुछ लोग सोचते हैं कि ये फिल्में प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए हैं।
ट्रोलिंग से नहीं रुके अक्षय
अक्षय का कहना है कि चाहे लोग उन्हें ट्रोल करें या आलोचना करें, वह वही करेंगे जो उन्हें सही लगता है। उन्होंने कहा, “लोग मजाक उड़ाते रहे, लेकिन मुझे वही करना है जो देश और समाज के लिए जरूरी है।”
टॉयलेट एक प्रेमकथा को लेकर पूछे जाने पर अक्षय ने बताया, “इस फिल्म की स्क्रिप्ट पिछले पांच साल से इंडस्ट्री में थी, लेकिन कोई इसे बनाने को तैयार नहीं था। जब मुझे यह स्क्रिप्ट मिली, मैंने तय किया कि इसे मैं ही बनाऊंगा।” उन्होंने आगे कहा कि यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि देश की एक बड़ी समस्या को उजागर करती है। अक्षय ने बताया कि गांव की महिलाओं को खुले में शौच जाने की मजबूरी होती है। “उन्हें सुबह या रात के वक्त ही जाना पड़ता है। इसीलिए हमने पैडमैन जैसी फिल्म बनाई, ताकि सैनिटरी पैड और महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता फैल सके। यही वजह थी एयरलिफ्ट जैसी फिल्म बनाने की भी।
देश और पीएम के लिए मकसद
अक्षय ने साफ कहा कि उनका मकसद हमेशा देश के लिए काम करना रहा है। उन्होंने कहा, “कई बार लोग कहते हैं कि ये फिल्में सरकार को खुश करने के लिए बनाई गई हैं। ठीक है, जो कहना है कह दें। हां, मैं देश को खुश करना चाहता हूं। प्रधानमंत्री ने लाल किले से शौचालय की बात की, और लोग उनका मजाक उड़ाते रहे। मैंने उनका इंटरव्यू लिया, और फिर भी मजाक हुआ। लेकिन यह उड़ान देने जैसा है।”
अक्षय के अनुसार, भले ही ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बड़े कॉमर्शियल हिट फिल्मों जितनी कम चली हों, लेकिन उन्हें इन पर गर्व है। उनका मानना है कि फिल्मों का असली मकसद सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करना और बदलाव लाना भी होना चाहिए।
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