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2008 Malegaon Bomb Blast Update: पीड़ित परिवारों की अपील, बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती

2008 मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों की बरी को पीड़ित परिवारों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अपील में गवाहों की दोबारा गवाही और दबाए गए सबूतों की जांच की मांग की गई है।

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2008 Malegaon Bomb Blast Update: 2008 के मालेगांव बम धमाके में अपने परिजनों को खो चुके परिवार अब इंसाफ की उम्मीद लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे हैं। विशेष एनआईए अदालत ने 31 जुलाई को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सातों आरोपियों को बरी कर दिया था। अदालत का कहना था कि अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को संदेह से परे साबित नहीं कर पाया। इसी फैसले को पीड़ितों ने चुनौती दी है। अपीलकर्ता परिवारों का कहना है कि जांच और मुकदमे की प्रक्रिया के दौरान कई अहम सबूतों को जानबूझ कर पेश नहीं किया गया और सच्चाई छुपाई गयी।

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गवाहों और सबूतों पर विवाद

पीड़ितों की ओर से दायर अपील में मांग की गई है कि मामले से जुड़े प्रमुख गवाहों की दोबारा गवाही कराई जाए। परिवारों का कहना है कि मुकदमे के दौरान लगभग 323 गवाहों को पेश किया गया था, जिनमें से 34 गवाह अदालत में पलट गए और अभियोजन के लिए “शत्रुतापूर्ण गवाह” बन गए। इसके अलावा लगभग 9,997 दस्तावेज़ और 404 वस्तुएं सबूत के तौर पर जमा की गई थीं, लेकिन कई अहम साक्ष्य मुकदमे में शामिल ही नहीं किए गए। अपील में यह भी आरोप लगाया गया है कि अभियोजन पक्ष ने जानबूझकर कमजोर पैरवी की और न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित किया।

अगली सुनवाई का इंतजार

29 सितंबर 2008 को हुई मालेगांव ब्लास्ट घटना अब भी लोगो की रूंह को छू जाता है, कैसे एक घटना ने सबकुछ बदल दिया जब एक मोटरसाइकिल पर रखा बम फट गया था।इस हादसे में छह लोगों की जान चली गई और 101 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। शुरू में इस मामले की जांच महाराष्ट्र एंटी-टेररिज़्म स्क्वॉड (ATS) के द्वारा हुई थी और इसमें 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में 2011 में यह केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया। करीब दस साल तक चली जांच और गवाही के बाद अदालत ने 31 जुलाई को सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। अब पीड़ित परिवारों की अपील पर बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस अजय गडकरी की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

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गौर करने वाली बात यह है कि अब तक महाराष्ट्र सरकार ने इन बरी के खिलाफ कोई अपील दाखिल नहीं की है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस केस में न्याय की लड़ाई केवल पीड़ित परिवारों के भरोसे रह गई है।

Keywords Malegaon Blast 2008, Bombay High Court, Sadhvi Pragya Singh Thakur, COL Prasad Purohit, NIA Court Acquittal, Malegaon Victims Appeal, Maharashtra Ats, NIA Investigation, Terrorism Case

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