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सांप के काटने का पारंपरिक इलाज,  ककोड़ा 5 मिनट में बेअसर कर देता है जहर को!

ककोड़ा, जिसे कंटोला या कत्रोल भी कहते हैं, एक पारंपरिक आयुर्वेदिक पौधा है। गांवों में माना जाता है कि इसकी जड़ का इस्तेमाल सांप के ज़हर को कुछ ही मिनटों में कम कर सकता है।

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ककोड़ा, जिसे कंटोला या कत्रोल भी कहते हैं, एक पारंपरिक आयुर्वेदिक पौधा है। गांवों में माना जाता है कि इसकी जड़ का इस्तेमाल सांप के ज़हर को कुछ ही मिनटों में कम कर सकता है। हालांकि, यह डॉक्टर के इलाज का विकल्प नहीं है। मानसून में सांप के हमले का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए ज़रूरी है कि पारंपरिक उपाय के साथ तुरंत चिकित्सा सहायता ली जाए।

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बरसात और सांप का खतरा

मानसून में जहां ठंडक और राहत मिलती है, वहीं नमी के कारण सांप ज़्यादा सक्रिय हो जाते हैं। वे खेतों, बगीचों, झाड़ियों, पानी भरे इलाकों और कभी-कभी घरों के पास भी आ जाते हैं। इस समय खासकर ग्रामीण इलाकों में लोगों के सांप से टकराने की संभावना बढ़ जाती है।

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कोड़ा: गांवों का पुराना नुस्खा

ककोड़ा एक हरा, कांटेदार फल है जो गर्म और नमी वाले इलाकों में खेत की मेड़ों और जंगल के किनारों पर उगता है। इसे सब्ज़ी के रूप में भी खाया जाता है, लेकिन इसका असली महत्व इसके औषधीय गुणों में है।ग्रामीण परंपराओं और आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, ककोड़ा की जड़ को सांप के ज़हर के असर को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

ककोड़ा की जड़ का इस्तेमाल

1. पौधे की जड़ निकालें और अच्छी तरह धो लें।

2. इसे 2 दिन धूप में सुखाएं।

3. सूखी जड़ को बारीक पीस लें।

4. सांप के काटने पर एक चम्मच चूर्ण दूध में मिलाकर पिलाएं।

माना जाता है कि यह 5 मिनट में असर दिखाना शुरू कर देता है और ज़हर का प्रभाव कम हो जाता है।सिर्फ़ घरेलू इलाज पर भरोसा न करें

हालांकि यह उपाय सदियों से इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन यह डॉक्टर के इलाज का विकल्प नहीं है। हर साँप का ज़हर अलग होता है, इसलिए सबसे सुरक्षित तरीका है कि तुरंत अस्पताल जाएँ।

अन्य फायदे

ककोड़ा में फाइबर, विटामिन और खनिज भरपूर होते हैं।यह पाचन में मदद करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और शरीर को ठंडक पहुँचाता है।ककोड़ा हमारे पूर्वजों के पारंपरिक ज्ञान और प्रकृति से जुड़ाव का उदाहरण है। आज भी यह गांवों में सब्ज़ी और औषधि, दोनों रूप में लोकप्रिय है। लेकिन याद रखें  अगर सांप काट ले, तो सबसे पहले तुरंत चिकित्सा सहायता लें, फिर चाहे आप पारंपरिक उपाय भी क्यों न अपनाएँ।

डिस्क्लेमर 

यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। सांप के काटने की स्थिति में घरेलू या पारंपरिक इलाज पर भरोसा न करें। तुरंत नज़दीकी अस्पताल या योग्य डॉक्टर से संपर्क करें। ककोड़ा या किसी भी पारंपरिक नुस्खे का उपयोग केवल प्राथमिक सहायता के रूप में किया जा सकता है, यह पेशेवर चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है।


KeywordsSnake bite Treatment, Kakoda root benefits, Traditional Ayurvedic remedy, Indian herbal medicine

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