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आयुर्वेद की नजर से जानें: कौन सा देसी घी आपकी सेहत के लिए सबसे बेहतर है?

देसी घी खाने का स्वाद तो बढ़ाता ही है, साथ ही सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। लेकिन कौन सा घी आपके लिए सही है, आइए जानें शुद्ध घी चुनने के सभी जरूरी नियम।

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हर भारतीय रसोई में देसी घी की खुशबू बिखरती है। यह खाने को स्वादिष्ट बनाता है और सेहत के लिए भी कमाल करता है। लेकिन बाजार में हर घी शुद्ध नहीं होता। आयुर्वेद कहता है कि सही घी आपकी सेहत को दोगुना फायदा देता है, जबकि गलत घी नुकसान पहुंचा सकता है। हजारों लोग रोजाना घी खरीदते हैं, लेकिन कई बार मिलावटी या कम गुणवत्ता वाला घी ले आते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में खाद्य मिलावट पर सख्ती दिखाई है, जिससे शुद्ध खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी है। आइए जानते हैं कि शुद्ध देसी घी कैसे चुनें और यह क्यों खास है।

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घी का स्रोत सबसे जरूरी

घी खरीदते समय पहली बात यह देखें कि वह किसके दूध से बना है। आयुर्वेद में गिर गाय का घी सबसे उत्तम माना जाता है। इसका रंग सुनहरा और खुशबू हल्की होती है। यह पेट के लिए हल्का होता है और आसानी से पच जाता है। गिर गाय का घी पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर को ताकत देता है। दूसरी ओर, देसी गाय का घी भी अच्छा होता है, जो पीले रंग का होता है। यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो ऊर्जा बढ़ाना चाहते हैं। भैंस का घी भारी होता है और मेहनत करने वालों या मांसपेशियां मजबूत करने वालों के लिए सही है। अपनी जरूरत के हिसाब से घी चुनना जरूरी है।

बिलोना और क्रीम-बेस्ड घी में अंतर

घी बनाने का तरीका उसकी शुद्धता तय करता है। बिलोना तरीके में पहले दूध से दही बनाई जाती है। फिर दही को मथकर मक्खन निकाला जाता है और उसे धीमी आंच पर पकाकर घी तैयार होता है। यह पुराना और पारंपरिक तरीका है। दूसरी तरफ, क्रीम-बेस्ड घी में दूध से सीधे मक्खन निकालकर घी बनाया जाता है। यह तरीका फैक्ट्रियों में आम है। आयुर्वेद के अनुसार, बिलोना घी ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि यह शुद्ध और प्राकृतिक होता है। इसका स्वाद और गुणवत्ता दोनों बेजोड़ होते हैं।

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बिलोना घी के सेहत लाभ

बिलोना घी को आयुर्वेद में औषधि कहा गया है। यह शरीर के वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है। रोजाना एक-दो चम्मच बिलोना घी खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। यह रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है और दिमाग को तेज करता है। त्वचा में चमक लाने और थकान दूर करने में भी यह मदद करता है। हड्डियों को मजबूती देने के लिए भी बिलोना घी फायदेमंद है। लेकिन इसके लिए घी शुद्ध होना चाहिए, वरना फायदा कम हो सकता है।

मिलावटी घी की पहचान

बाजार में कई बार मिलावटी घी बिकता है। शुद्ध घी की खुशबू ताजा और हल्की होती है। इसे गर्म करने पर यह पूरी तरह पिघल जाता है और कोई गंदगी नहीं छोड़ता। बिलोना घी का रंग सुनहरा या हल्का पीला होता है। मिलावटी घी का रंग बहुत चटक या सफेद हो सकता है। पैकिंग पर लिखा होना चाहिए कि घी किस दूध से और कैसे बना है। अगर हो सके, तो स्थानीय डेयरी या भरोसेमंद दुकान से घी लें। घर पर भी टेस्ट कर सकते हैं—थोड़ा घी पिघलाकर देखें, अगर उसमें कण रह जाएं, तो वह शुद्ध नहीं है।

देसी घी की खासियत

देसी घी सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह जोड़ों के दर्द, त्वचा की समस्याओं और कमजोरी को दूर करने में भी मदद करता है। आयुर्वेद में इसे सेहत का खजाना माना जाता है। सही घी चुनने से आप अपने खाने को स्वादिष्ट और सेहत को मजबूत बना सकते हैं। शुद्ध घी खरीदना एक छोटा सा कदम है, जो आपके परिवार की सेहत को लंबे समय तक बेहतर रख सकता है।

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