चीन के तियानजिन से आई तस्वीर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर परेशान कर दिया है।तियानजिन में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के शुरू होने से पहले भारत, चीन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों ने आपस में मुलाकात की है जहां तीनों के बीच कमाल की केमिस्ट्री देखने को मिली। यह अपने आप में एक मैसेज था कि कोई तीसरा देश भारत के विदेश नीति को प्रभावित नहीं कर सकता।
चीन में मोदी-जिनपिंग की दोस्ती पर इंटरनेशनल मीडिया ने जो लिखा है उसे पढ़कर अमेरिकी राष्ट्रपति और भी जल-भुन जाएंगे। सीएनएन ने लिखा, ‘तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान सात साल बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात दोनों देशों के बीच के रिश्ते को एक नई धार देती है।
सीएनएन ने लिखा है की पीएम मोदी और शी जिनपिंग की SCO समिट में मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों में नए सकारात्मक बदलाव के संकेत है। अमेरिका के टैरिफ और रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर बढ़ते दबाव के बीच भारत-चीन संबंधों में नरमी आई है। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार चीन ने SCO मंच से अमेरिका के अकेले निर्णयकर्ता नहीं रहने का संदेश विश्व को दिया है।
अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर सीएनएन और ब्रिटेन के मीडिया बीबीसी ने भारत और चीन की नजदीकियों को मौजूदा जियो-पॉलिटिकल परिदृश्य में बेहद महत्वपूर्ण बताया है।
सीएनएन ने पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को न केवल एशिया बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी अहम बताया है। इसने Modi talk friendship in a ‘chaotic’ world as Trump’s tariffs bite’ शीर्षक से प्रकाशित लेख को पेज पर लीड रखा और इसमें ‘ट्रंप के टैरिफ से मची उथल-पुथल के बीच मोदी-जिनपिंग की दोस्ती’ पर फोकस किया है।
सीएनएन ने लिखा तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान सात साल बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात को दोनों देशों के बीच रिश्तों में नए मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। शी ने कहा कि भारत और चीन को प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि मित्र और साझेदार बनना चाहिए, जबकि मोदी ने आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
इसने आगे लिखा बैठक ऐसे समय हुई जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाए हैं और रूस से तेल खरीदने को लेकर दबाव बढ़ाया है। इससे भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव बढ़ा है, जिसका फायदा चीन को मिलता दिख रहा है। इसी बीच, भारत-चीन संबंधों में भी नरमी आई है, सीमा पर तनाव कम करने, बंद उड़ानों को फिर से शुरू करने और वीज़ा संबंधी रियायतों जैसे कदम उठाए गए हैं। दोनों नेताओं ने जोर दिया कि भारत और चीन को विकास और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए।
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने China Shows Off Its Power शीर्षक से प्रकाशित लेख में लिखा, ‘ट्रंप की नीतियां अमेरिका के पारंपरिक सहयोगियों (भारत भी शामिल) को दूर कर रही हैं और चीन इस अवसर का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। तियानजिन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) बैठक में 20 से अधिक नेता शामिल हुए, जिनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिका के सहयोगी देश तुर्की व मिस्र भी थे।
चीन इस मंच से संदेश देना चाहता है कि अब अमेरिका अकेला निर्णयकर्ता नहीं है ट्रंप की असंगत नीतियां पुतिन के लिए रेड कार्पेट, मोदी पर टैरिफ चीन को फायदा पहुंचा रही हैं। सैन्य परेड और इतिहास का हवाला देकर चीन भविष्य की जियो-पॉलिटिक्स में अपनी भूमिका मजबूत करना चाहता है।
Keywords – SCO Summit 2025, Shanghai Cooperation Organization, India Russia Relations, India China Relations, Tariff Bar