मुंबई से सटे ठाणे शहर के लाखों निवासियों के लिए ऐतिहासिक दिन आ गया है। वर्षों से यातायात जाम और सार्वजनिक परिवहन की समस्या से जूझ रहे इस शहर को अब अपनी पहली मेट्रो सेवा मिलने जा रही है। आज से ठाणे मेट्रो लाइन-4 (ग्रीन लाइन) का पहला ट्रायल रन शुरू हो गया है, जो आने वाले समय में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बदलने में कारगर साबित होगा।
क्यों है ठाणे मेट्रो जरूरी?
ठाणे शहर की तेजी से बढ़ती जनसंख्या और वाहन संख्या ने यातायात व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया है, खासकर घोडबंदर रोड और आसपास के इलाकों में। रोज़ाना हजारों लोगों को घंटों जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। जिससे समय और ईंधन दोनों की बर्बादी होती है। इसी समस्या के समाधान के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट को वर्षों पहले प्रस्तावित किया गया था।
- मेट्रो लाइन-4 (ग्रीन लाइन): जानिए क्या होगा फायदा
- कुल लंबाई: 32.3 किलोमीटर
रूट: मुंबई के वडाला से ठाणे के कासरवडावली तक
- प्रमुख स्टेशन (फेज-1):
- कैडबरी जंक्शन
- माजीवाड़ा
- कपूरबावड़ी
- मानपाडा
- टिकुजी-नी-वाडी
- डोंगरी पाड़ा
- विजय गार्डन
- कासरवडावली
- गव्हानपाडा
- गायमुख
परियोजना की प्रगति
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के पहले ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रायल सफल रहा तो अगले कुछ महीनों में आम जनता के लिए सेवा शुरू हो सकती है।
- “ग्रीन लाइन” क्यों है खास?
- पर्यावरण के अनुकूल परिवहन
- कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी
- समय की बचत और सस्ती यात्रा सुविधा
ठाणे का भविष्य: मेट्रो के साथ स्मार्ट सिटी की ओर
मेट्रो के शुरू होते ही ठाणे शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा, रियल एस्टेट की कीमतें बढ़ेंगी, और निवेश के नए रास्ते खुलेंगे। यह परियोजना ठाणे को मुंबई से जोड़कर एकीकृत महानगरीय परिवहन नेटवर्क का हिस्सा बना देगी।
ठाणे मेट्रो लाइन-4 सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि शहर के ट्रैफिक और प्रदूषण से निजात का समाधान भी है। ट्रायल रन की सफलता इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में ठाणे के नागरिकों को मिलेगा एक स्मार्ट, तेज़ और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा विकल्प।
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