कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख और वरिष्ठ नेत्री सोनिया गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई पर हुए कथित हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे सिर्फ व्यक्ति पर नहीं, बल्कि भारतीय संविधान पर सीधा हमला बताया है।
सोनिया गांधी ने कहा कि यह न सिर्फ सीजेआई पर, बल्कि संविधान पर हमला है। सोनिया गांधी ने सोमवार को एक लिखित बयान जारी करते हुए कहा सुप्रीम कोर्ट में भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश पर हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं। यह न केवल उन पर (सीजेआई पर), बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले लोकतंत्र के स्तंभों को कमजोर करने की कोशिश हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
गवई को बताया दयालु और गरिमामयी व्यक्तित्व
सोनिया गांधी ने अपने बयान में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की प्रशंसा करते हुए उन्हें दयालु और गरिमामयी व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में देश को एकजुट होकर संविधान की रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए। सीजेआई बहुत दयालु व्यक्ति हैं, लेकिन राष्ट्र को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ एकजुट होकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए।
राजनीतिक हलकों में हलचल
सीजेआई पर कथित हमले को लेकर राजनीतिक और कानूनी हलकों में भारी हलचल है। कई विपक्षी दलों ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी इस मामले में बेहद सख्त रुख अपनाते हुए इसे संवैधानिक व्यवस्था के लिए खतरा मान रही है।
अब तक क्या हुआ है?
हालांकि सीजेआई पर हमला किस रूप में हुआ, इसकी विस्तृत जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया से यह साफ है कि मामला संवेदनशील और गंभीर है।
लोकतंत्र के स्तंभों की रक्षा ज़रूरी
सोनिया गांधी का यह बयान एक बार फिर यह दर्शाता है कि देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षा के लिए राजनीतिक नेतृत्व को एकजुट होकर सामने आना चाहिए। CJI बीआर गवई पर हुआ कथित हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे न्यायिक सिस्टम और संविधान के मूल्यों पर सवाल खड़े कर रहा है।
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