भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिनों के लिए मोरक्को की यात्रा पर हैं। यह यात्रा ऐतिहासिक इसलिए है क्योंकि किसी भी भारतीय रक्षा मंत्री की यह पहली मोरक्को यात्रा है। इस दौरे के दौरान उन्होंने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स की विनिर्माण इकाई का उद्घाटन किया, जो अफ्रीकी महाद्वीप में भारत का पहला रक्षा विनिर्माण संयंत्र है। इस कदम को भारत की “मेक इन इंडिया” नीति को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इसके अलावा, रक्षा मंत्री ने मोरक्को के अपने समकक्ष अब्देलतीफ लौदियी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की, जिसमें दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा हुई।
भारतीय समुदाय को भावुक संदेश
राजनाथ सिंह ने रबात में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भावुक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि चाहे हम दुनिया के किसी भी कोने में हों, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम भारतीय हैं। उनके शब्दों में, “भारतीय होने के नाते हमारी जिम्मेदारियां अलग हैं। अगर हम किसी दूसरे देश में रहते हुए काम कर रहे हैं, तो हमें उस देश के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए। यही भारत का चरित्र है।” उनका यह संदेश न केवल भारतीय मूल के लोगों के लिए बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों को दुनिया के सामने रखने का भी प्रतीक है।
पीओके और आतंकवाद पर कड़ा संदेश
मोरक्को में भारतीय समुदाय से बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर भी स्पष्ट और सख्त रुख रखा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) एक दिन अपने आप भारत का हिस्सा बन जाएगा। उन्होंने याद दिलाया कि कश्मीर घाटी में अपने पुराने भाषण में भी उन्होंने कहा था कि भारत को पीओके पर हमला करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बल्कि पीओके खुद भारत में शामिल होने की मांग करेगा। आतंकवाद पर बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने हमेशा वही जवाब दिया है जो उसके नागरिकों की रक्षा के लिए आवश्यक था। भारत ने किसी धर्म को नहीं देखा, बल्कि आतंकवादियों को उनके कृत्यों के आधार पर जवाब दिया।
सैन्य जवाब और भारत का चरित्र
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने भारत की सैन्य कार्रवाई का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे भारत ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सीमा पार जाकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। उन्होंने कहा कि भारत ने किसी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया, बल्कि केवल उन लोगों को मारा जिन्होंने भारतीय नागरिकों की हत्या की थी। उन्होंने इसे भारत के चरित्र से जोड़ा और कहा कि यही अंतर है जो भारत को बाकी देशों से अलग करता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा, तो भारत जवाब देने में कभी पीछे नहीं हटेगा।
वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ता प्रभाव
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि आज भारत की आवाज़ को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गंभीरता से सुना जा रहा है। पहले जब भारत कोई बात कहता था तो उसे उतना महत्व नहीं दिया जाता था, लेकिन अब पूरी दुनिया भारत को ध्यान से सुनती है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से जोड़ा। उन्होंने कहा कि तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत सबसे तेज़ी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
नारी शक्ति और स्टार्टअप्स की सफलता
अपने भाषण के अंत में रक्षा मंत्री ने भारत में महिलाओं और युवाओं की उपलब्धियों पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत अब लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने स्टार्टअप इंडिया के सफर का भी उल्लेख किया। 2014 में भारत में मात्र 500 स्टार्टअप थे, जो अब बढ़कर 1.60 लाख हो चुके हैं। वहीं, यूनिकॉर्न की संख्या 18 से बढ़कर 118 तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि भारत आज नवाचार और उद्यमिता का वैश्विक केंद्र बन चुका है, जो आने वाले समय में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर डालेगा।
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