भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई आज के ही दिन इस दुनिया को अलविदा कह गए थे। उनका निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था। वे भारतीय राजनीति के उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे,जिनके विरोधी भी उन्हें सम्मान देते थे। वे भारतीय राजनीति के एक ऊंचे शिखर थे, वे एक ओजस्वी वक्ता, प्रखर राष्ट्रवादी और सर्वमान्य नेता थे।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक शिक्षक और कवि थे, जिसका प्रभाव अटल जी के जीवन पर भी पड़ा। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब लक्ष्मीबाई कॉलेज) से पूरी की और इसके बाद कानपुर के डी.ए.वी. कॉलेज से राजनीति विज्ञान में एम.ए. की डिग्री हासिल की। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया। उन्होंने न सिर्फ राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई, बल्कि एक कवि और पत्रकार के रूप में भी खूब ख्याति अर्जित की।
उनकी कविताएं, जैसे ‘हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा’ आज भी लोगों को प्रेरणा देती हैं। उन्हें 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
अटल जी ने तीन बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश की कमान संभाली। उनका सबसे सफल कार्यकाल 1999 से 2004 तक रहा, जिसमें उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले लिए।
प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही महीनों बाद, उन्होंने पोखरण में परमाणु परीक्षण कराने का साहसी निर्णय लिया। इस कदम ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल कर दिया, जिससे भारत की वैश्विक छवि और भी मजबूत हुई। 1999 में उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी और देश की संप्रभुता की रक्षा की।
उन्होंने देश के चार महानगरों- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ने वाली स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग परियोजना की शुरुआत की, जिसने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई दिशा दी। वाजपेयी सरकार ने 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम था।
अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी सादगी, ईमानदारी और राजनीतिक शुचिता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनका निधन भारतीय राजनीति में एक युग का अंत था, लेकिन उनकी विरासत हमेशा देश को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहेगी। अटल बिहारी वाजपेयीजी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश के कई हस्तियों द्वारा अटल बिहारी वाजपेई को आज श्रद्धांजलि दी गई साथ ही साथ उनके कार्यों को याद किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर ‘सदैव अटल’ में पुष्पांजलि अर्पित की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी ने एक पोस्ट किया। इस पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन। भारत की सर्वांगीण प्रगति के प्रति उनका समर्पण और सेवाभाव सभी को एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करता है।
Paid homage to Atal Ji at ‘Sadaiv Atal.’ His life was about unwavering service to the nation. His thoughts and ideals continue to guide India’s journey towards progress. pic.twitter.com/1TiA8BgRa2
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2025
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री ने पूर्व पीएम वाजपयी को एक सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए उनके आजीवन प्रयासों को याद किया । राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र उनके अभूतपूर्व योगदान को सदैव याद रखेगा।
President Droupadi Murmu paid homage to former Prime Minister of India, Shri Atal Bihari Vajpayee on his death anniversary at his Samadhi 'Sadaiv Atal' in New Delhi. pic.twitter.com/bfr9TftQAY
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 16, 2025
वहीं, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, किरेन रिजिजू और गजेंद्र सिंह शेखावत, जदयू सांसद संजय झा और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके स्मारक ‘सदैव अटल’ पर एकत्रित हुए।
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