मुंबई की मोनो रेल एक बार फिर बारिश की चपेट में आ गई, दरअसल भारी बारिश के बीच एंटॉप हिल के पास अचानक मोनो रेल के रुक जाने से यात्रियों में हड़कंप मच गया। महीने भर में यह दूसरी घटना है जब मुंबई मोनो रेल रास्ते में ही ठप हो गई। घटना के बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई और तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। अधिकारियों ने सीढ़ी लगाकर कम से कम 17 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें दूसरी मोनो रेल में बिठाकर गंतव्य तक भेजा गया।
क्या है गडबड़ी की वजन?
मोनो रेल कॉर्पोरेशन ने प्राथमिक जांच में बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी को वजह बताया है। हालांकि विस्तृत कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है। यात्रियों का कहना है कि बार-बार हो रही इस तरह की घटनाएं उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं और अब स्थायी समाधान की ज़रूरत है।
पहले भी हुई हैं घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब यात्रियों को मोनो रेल में परेशानी झेलनी पड़ी हो। 27 अगस्त को भी इसी तरह की बड़ी घटना सामने आई थी, जब मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क के बीच सैकड़ों लोग ट्रेन में फंस गए थे। उस वक्त दमकल विभाग ने स्नोर्कल सीढ़ी की मदद से करीब 582 यात्रियों को बाहर निकाला था। इसके अलावा एक अन्य मोनो रेल को खींचकर वडाला स्टेशन लाया गया था, जहां से करीब 200 यात्रियों को सुरक्षित उतारा गया। उस मामले में चूक के लिए दो अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया था।
#WATCH | Maharashtra: The monorail that came to a halt in Wadala area of Mumbai this morning due to technical glitches, continues with its onward journey, after the glitches were fixed.
— ANI (@ANI) September 15, 2025
MMRDA PRO says, "17 passengers were evacuated after a technical glitch happened in the… pic.twitter.com/jfqzUZFs6F
अगस्त महीने में एक और घटना हुई थी, जब यात्रियों की संख्या निर्धारित क्षमता से अधिक होने पर मोनो रेल को रोकना पड़ा। बाद में अधिकारियों ने सफाई दी थी कि यह तकनीकी खराबी नहीं बल्कि ओवरलोड की वजह से एहतियातन लिया गया फैसला था। इसके अलावा अतीत में भी कई बार मोनो रेल को बीच रास्ते रोककर दमकल की गाड़ियों की मदद से यात्रियों को बाहर निकालना पड़ा है।
इन लगातार घटनाओं ने मुंबई मोनो रेल की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर की जनता के लिए यह एक महत्वपूर्ण परिवहन सेवा है, लेकिन बार-बार की तकनीकी खामियों और बिजली सप्लाई में समस्याओं से यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक सिस्टम को मजबूत बनाने और तकनीकी खामियों को स्थायी रूप से दूर करने के उपाय नहीं किए जाते, तब तक ऐसी घटनाओं की दोबारा होने की संभावना बनी रहेगी। मुंबई जैसे महानगर में जहां लाखों लोग रोज़ाना सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर रहते हैं, वहां मोनो रेल जैसी परियोजनाओं का सुरक्षित और भरोसेमंद होना बेहद जरूरी है। अब देखना होगा कि लगातार हो रही इन घटनाओं से सबक लेते हुए मोनो रेल प्रशासन किस तरह ठोस कदम उठाता है।
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