नवरात्रि और विजयादशमी के बाद पूरे देश में देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले में भी ग्रामीण बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा संपन्न कर विसर्जन के लिए निकले थे। ट्रैक्टर-टॉली में प्रतिमा और श्रद्धालु सवार होकर तालाब की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन पानी के पास पहुंचते ही टॉली अचानक असंतुलित हो गई और गहराई में पलट गई। एक ही पल में भक्तिमय गीत और ढोल-मंजीरे की गूंज चीख-पुकार में बदल गई।
आठ मासूमों की गयी जान
इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जिनमें से आठ मासूम बच्चे थे। कई परिवारों ने अपने इकलौते बेटे या बेटी को खो दिया। गांव में मातम पसरा है, हर घर से रोने-बिलखने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। बचाव कार्य घंटों तक चला और गोताखोरों के साथ स्थानीय लोग भी तालाब में कूदकर शवों को बाहर निकालते रहे। अस्पताल में भर्ती घायलों का इलाज जारी है, जिनमें से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है। हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है और लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा पर और अधिक ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।
प्रशासन और सरकार की कार्रवाई
हादसे की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं। ट्रैक्टर-टॉली को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर गहरा दुख जताया और मृतकों के परिवारों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की। राज्य सरकार की ओर से 4 लाख रुपये और प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये देने का आश्वासन दिया गया। घायलों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा हुई है। प्रशासन ने चालक और आयोजन समिति की भूमिका की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि लापरवाही किस स्तर पर हुई।
खंडवा के ग्राम जामली और उज्जैन के समीप इंगोरिया थाना क्षेत्र में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुए हादसे अत्यंत दुखद हैं। शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 2, 2025
मृतकों के निकटतम परिजनों को ₹4-4 लाख की सहायता राशि तथा घायलों को नजदीकी अस्पताल में समुचित उपचार उपलब्ध कराने…
सबक और भविष्य के लिए संदेश
खंडवा की यह घटना केवल एक गांव या एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी है। धार्मिक आयोजनों में भावनाएं अक्सर हावी हो जाती हैं और सुरक्षा की अनदेखी की जाती है। भारी भीड़ को असुरक्षित वाहनों में ले जाना या पानी के गहरे हिस्सों में बिना पर्याप्त इंतजाम के जाना, हादसों को न्योता देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों के लिए प्रशासनिक निगरानी, सुरक्षित वाहनों का प्रयोग और जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था अनिवार्य होनी चाहिए। श्रद्धा और आस्था का उत्सव तभी सार्थक है जब वह सुरक्षित और जिम्मेदारी से संपन्न हो।
Keywords – Khandwa Accident, Madhya Pradesh Tragedy, 11 Dead in Khandwa, Religious Festival Accident, MP Idol Immersion Deaths, Khandwa Tragedy News