राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका में छिपे खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ नया मामला दर्ज कर लिया। पन्नू प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस का सरगना है। उसने स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले पर झंडा फहराने से रोकने के लिए 11 करोड़ रुपये का इनाम रख दिया। यह खबर सुनकर हर कोई हैरान है। पन्नू ने सिख भाइयों को भारत के खिलाफ भड़काने की पूरी कोशिश की। NIA की FIR में साफ लिखा है कि यह साजिश देश की एकता को तोड़ने वाली है।
यह सब 10 अगस्त 2025 को शुरू हुआ। पन्नू ने पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वाशिंगटन से वीडियो कॉल पर जुड़कर उसने सिख समुदाय को उकसाया। कहा कि जो भी 15 अगस्त को PM मोदी को लाल किले पर तिरंगा लहराने से रोकेगा, उसे 11 करोड़ रुपये मिलेंगे। इतना ही नहीं, पन्नू ने एक नया नक्शा भी दिखाया। इसमें पंजाब के अलावा दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश को खालिस्तान का हिस्सा बताया। यह नक्शा भारत की जमीन पर कब्जे का सपना बेच रहा था। NIA के पास पन्नू का यह वीडियो है। साथ ही SFJ के X हैंडल से सारी जानकारी मिली।
सिख्स फॉर जस्टिस का गंदा खेल
सिख्स फॉर जस्टिस को भारत सरकार ने 2019 में बंद कर दिया था। गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत यह आतंकी संगठन है। पन्नू इसका जनरल काउंसल है। NIA कहती है कि यह गिरोह भारत की एकजुटता को चूर करने पर तुला है। FIR में लिखा है कि पन्नू ने शहीद जत्था नाम का नया ग्रुप बनाने की बात कही। इसका मकसद भारत में हिंसा फैलाना है। पन्नू अमेरिका में रहता है, लेकिन पाकिस्तान से साजिश रचता है। यह सब सिख भाइयों को गुमराह करने का तरीका है। NIA ने सबूत जमा कर लिए हैं। वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट सब कुछ उनके पास है।
देश की सुरक्षा के लिए यह बहुत बड़ा खतरा है। पन्नू जैसे लोग बाहर से बैठे-बैठे अंदर अफरा-तफरी मचाने की कोशिश करते हैं। NIA की टीम अब इसकी जड़ें खोज रही है। राष्ट्रीय और विदेशी लिंक की जांच चल रही है।
NIA की तेज कार्रवाई
NIA ने 19 अगस्त 2025 को यह FIR दर्ज की। गृह मंत्रालय के आदेश पर कार्रवाई हुई। भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) और UAPA की धारा 10 व 13 लगाई गईं। पन्नू और कुछ अज्ञात लोग आरोपी हैं। NIA का कहना है कि पन्नू ने देश की संप्रभुता पर हमला बोला। सिख समुदाय को गलत रास्ते पर धकेलने की कोशिश की। अब जांच एजेंसी हर कोने को छान रही है। अंतरराष्ट्रीय मदद भी लेगी। यह केस भारत की अखंडता बचाने का जरूरी कदम है।
गृह मंत्रालय का कड़ा रवैया
गृह मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया। कहा कि लाहौर प्रेस क्लब का कार्यक्रम भारत विरोधी था। पन्नू ने पंजाब पर पाकिस्तान के दावे को बढ़ावा दिया। खालिस्तान का जहर घोलने की कोशिश की। मंत्रालय ने NIA को पूरी जांच का हुकुम दिया। हर पहलू को गहराई से देखने को कहा। उनका मानना है कि पन्नू का इरादा देश में बवाल मचाना है। एकता को कमजोर करना है। मंत्रालय सतर्क है। ऐसी साजिशों को कुचलने के लिए तैयार है।
पुराने झगड़े की याद
पन्नू का यह पहला कारनामा नहीं। 2023 में भी उसने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर झंडा रोकने की धमकी दी थी। कश्मीरी लोगों को दिल्ली बुलाने की कोशिश की। भारत सरकार ने 2020 में उसे UAPA के तहत आतंकी करार दिया। तब से पन्नू फरार है। अमेरिका में छिपा बैठा साजिशें रचता रहता है। NIA अब उसके नेटवर्क को तोड़ने पर लगी है। यह केस नई शुरुआत है। देश की सुरक्षा पहले है।
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