27 सितंबर 2025 को तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) प्रमुख विजय की रैली में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 40 लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए। करूर सरकारी अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है। इनमें से 6 लोगों की हालत गंभीर है। यह तमिलनाडु की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। हादसे के बाद बिजली कटौती को लेकर बड़ा विवाद शुरू हो गया। टीवीके और चश्मदीदों ने बिजली गुल होने का दावा किया, जबकि सरकार ने इसे खारिज कर दिया। इस त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर दिया।
रैली में क्या हुआ
शनिवार की शाम करूर में विजय की रैली में हजारों लोग जमा हुए। विजय अवैध रेत खनन और डीएमके सरकार की कमियों पर बोल रहे थे। रात करीब 7:45 बजे भीड़ बेकाबू हो गई। लोग मंच के पास पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। तभी अफरा-तफरी मच गई। संकरी सड़कें और अंधेरा ने हालात को और खराब किया। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। मरने वालों में 9 बच्चे, 16 महिलाएं और 15 पुरुष थे। घटनास्थल पर जूते, टूटे झंडे और पानी की बोतलें बिखरी थीं। कुछ लोग झोपड़ी में छिपे, लेकिन भीड़ ने उसका छप्पर तक तोड़ दिया।
बिजली गुल होने का विवाद
टीवीके और कई चश्मदीदों ने कहा कि शाम 7:00 से 7:30 बजे तक बिजली गुल थी। अंधेरे में लोग डर गए और भागने लगे, जिससे भगदड़ हुई। लेकिन तमिलनाडु सरकार ने इन आरोपों को गलत बताया। करूर कलेक्टर और एडीजीपी ने सोशल मीडिया पर कहा कि कोई बिजली कटौती नहीं हुई। लाइट्स का मंद होना टीवीके के जेनरेटर की खराबी की वजह से था। सरकार ने कहा कि भीड़ को खतरनाक जगहों से हटाने के लिए कुछ देर बिजली रोकी गई थी। लेकिन विजय के आने के बाद ऐसा नहीं हुआ। यह विवाद अब सियासी रंग ले रहा है।
नेताओं का दुख और बयान
हादसे के बाद कई बड़े नेताओं ने दुख जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि करूर की भगदड़ बहुत दुखद है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए संवेदना जताई और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शोक जताया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन रात में करूर पहुंचे। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया। बीजेपी नेता के. अन्नामलाई ने डीएमके सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।
जांच और मुआवजा
तमिलनाडु सरकार ने हादसे की जांच के लिए रिटायर्ड जज अरुणा जगदीशन की अगुवाई में एक आयोग बनाया। आयोग ने पीड़ित परिवारों से बात शुरू कर दी और अस्पतालों का दौरा किया। विजय ने मृतकों के परिवारों को 20 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये देने की घोषणा की। केंद्र सरकार ने भी 2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया। टीवीके ने सीबीआई जांच की मांग की और इसे साजिश बताया। पार्टी ने मद्रास हाई कोर्ट में स्वतंत्र जांच के लिए याचिका दायर की।
सुरक्षा पर सवाल
पुलिस ने बताया कि रैली में 27,000 लोग आए, जबकि आयोजकों ने 10,000 की अनुमति ली थी। डीजीपी जी. वेंकटरमण ने कहा कि 500 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन केवल 100 जवान भीड़ नियंत्रण के लिए थे। बीजेपी ने इसे प्रशासन की नाकामी बताया। टीवीके ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया, जिसे पुलिस ने खारिज किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से पूरी रिपोर्ट मांगी। करूर के अस्पतालों में घायलों की चीखें गूंज रही थीं।
Keywords: Karur Stampede Tragedy, Vijay TVK Rally Deaths, Karur Accident Dispute, Tamil Nadu Crowd Crush, Karur Rally Electric Cut