न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा कि आज की दुनिया वैश्विक कार्यबल की हकीकत से आंख नहीं मूंद सकती। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई देश अपनी श्रम मांग को केवल घरेलू आबादी के आधार पर पूरा नहीं कर सकते। बदलती जनसांख्यिकी और बढ़ती आर्थिक आवश्यकताओं ने यह साफ कर दिया है कि श्रम शक्ति का अंतरराष्ट्रीय प्रवाह अब कोई विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्यता बन चुका है।
ट्रंप प्रशासन की कड़ी नीतियों पर भारत की चिंता
जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आव्रजन और वीजा नीतियों पर कड़ा रुख अपनाया है। विशेष रूप से एच-1बी वीजा, जो भारतीय आईटी और टेक पेशेवरों के लिए अमेरिका में रोजगार का अहम जरिया रहा है, उस पर नई बाधाएं खड़ी की गई हैं। ट्रंप प्रशासन ने वीजा पर अतिरिक्त एक लाख डॉलर की फीस लगा दी है, जो पहले से मौजूद फाइलिंग और कानूनी खर्चों के अलावा है। इससे कंपनियों के लिए भारतीय पेशेवरों को नियुक्त करना और भी महंगा हो जाएगा।
भारतीय पेशेवरों पर सीधा असर
एच-1बी वीजा का लगभग 75% हिस्सा भारतीयों के पास जाता रहा है। आईटी, इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे क्षेत्रों में भारतीय पेशेवर अमेरिकी कंपनियों की अहम जरूरतों को पूरा करते आए हैं। लेकिन बढ़ती फीस और कड़े नियम सीधे तौर पर भारतीय युवाओं पर असर डालेंगे। कई प्रतिभाशाली प्रोफेशनल्स, जो अमेरिका में करियर बनाने का सपना देखते हैं, अब इस आर्थिक बोझ और जटिल प्रक्रिया से हतोत्साहित हो सकते हैं। इससे न केवल भारतीय युवाओं की संभावनाएं सीमित होंगी, बल्कि अमेरिकी कंपनियों की लागत भी बढ़ेगी।
वैश्विक कार्यबल मॉडल की आवश्यकता
विदेश मंत्री ने इस मुद्दे पर एक सकारात्मक दृष्टिकोण भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि आज की अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए यह जरूरी है कि वह एक ऐसा वैश्विक कार्यबल मॉडल तैयार करे, जो अधिक स्वीकार्य, समकालीन और कुशल हो। इसमें तकनीक, शिक्षा और कौशल विकास को जोड़ते हुए विभिन्न देशों के बीच श्रम का सुचारु आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जा सकता है। यह न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी स्थिरता देगा।
Keywords – H-1B Visa, S. Jaishankar, Global Workforce, United Nations General Assembly, Donald Trump Immigration Policy, US Visa Fee Hike, Indian IT Professionals, Skilled Migration, International Economy, Work Visa Challenges, Indian Diaspora, Employment Opportunities Abroad