नेपाल की राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में युवाओं के हिंसक प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सभी सात सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। इन प्रदर्शनों में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं। हिंसक घटनाओं के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और अन्य सरकारी इमारतों में आग लगा दी है।
यूपी सरकार ने क्यों बढ़ाई सुरक्षा
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी राजीव कृष्णा को निर्देश दिया है कि नेपाल से लगे सभी जिलों में 24 घंटे हाई अलर्ट रखा जाए। भारत ने अपनी सीमा चौकियों को सतर्क कर दिया है।
- श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने निगरानी बढ़ा दी है।
- लखनऊ के पुलिस मुख्यालय में एक विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। नेपाल में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए तीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं – 0522-2390257, 0522-2724010, और 9454401674।
- कानून व्यवस्था अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने कहा कि यूपी पुलिस राज्य में शांति बनाए रखने और नेपाल में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए पूरी तरह तैयार है।
नेपाल में क्या हो रहा है
- प्रदर्शन सोशल मीडिया बैन के कारण शुरू हुए थे। सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब सहित 26 प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगाई थी। बाद में यह बैन हटा लिया गया लेकिन तब तक स्थिति बिगड़ चुकी थी।
- युवाओं का गुस्सा न केवल सोशल मीडिया बैन को लेकर था बल्कि भ्रष्टाचार और राजनेताओं के बच्चों के खिलाफ भी था। जेनजेड के नेतृत्व में चल रहे इन प्रदर्शनों ने पूरे देश को हिला दिया है।
- काठमांडू में स्थित त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी प्रदर्शनकारियों ने धावा बोलने की कोशिश की। इसके कारण एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो की उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
सरकारी इमारतें जली
- प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के घर और अन्य नेताओं के आवासों में आग लगा दी है। काठमांडू के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है। नेपाली सेना को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने शांति की अपील करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में नागरिकों की मांगों को बातचीत से हल किया जा सकता है।
- नेपालगंज जैसे सीमावर्ती शहरों में भी अशांति फैली है। स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। सड़कों पर टायर जलाकर जाम लगाया जा रहा है।
भारत की चिंता
- भारत सरकार ने नेपाल की स्थिति पर नजर रखी है और अपने नागरिकों को सावधान रहने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने यात्रा सलाह जारी की है। पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जैसे जिलों में अतिरिक्त पुलिस टीमें एसएसबी के साथ मिलकर यात्रियों की जांच कर रही हैं। खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हैं।
- हालांकि भारत-नेपाल सीमा को बंद नहीं किया गया है लेकिन निगरानी काफी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि असामाजिक तत्वों की घुसपैठ को रोकने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। देवीपाटन डिवीजन के कमिश्नर शशि लाल भूषण सुशील ने जिला मजिस्ट्रेटों को पुलिस और एसएसबी अधिकारियों के साथ तालमेल बिठाने के निर्देश दिए हैं।
- यह स्थिति भारत के लिए चिंताजनक है क्योंकि नेपाल के साथ 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है जहां बिना वीजा आवाजाही होती रहती है।
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