बाबा चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ सबसे बड़ा खुलासा उसकी शैक्षिक डिग्री को लेकर हुआ है। बाबा लंबे समय से दावा करता आया था कि उसने अमेरिका की मशहूर यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से एमबीए की डिग्री हासिल की है। लेकिन अब यूनिवर्सिटी ने खुद इस दावे को झूठा बताया है। शिकागो यूनिवर्सिटी ने पुष्टि की है कि चैतन्यानंद नाम का कोई भी व्यक्ति उनके रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है और ऐसी कोई डिग्री उसे प्रदान नहीं की गई। इस खुलासे के बाद बाबा की “विदेश में पढ़े-लिखे संत” की छवि ध्वस्त हो गई। यही नहीं, जांच में यह भी सामने आया है कि बाबा का प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का पहचान पत्र और ‘मिनिस्टर ऑफ स्टेट’ के नाम से जारी लेटर भी फर्जी हैं।
फर्जी पहचान और नेताओं के साथ मनगढ़ंत तस्वीरें
जांच एजेंसियों को बाबा के परिसर से कई ऐसी तस्वीरें मिली हैं, जिनमें वह खुद को देश-विदेश के बड़े नेताओं के साथ दिखा रहा था। इनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के साथ फोटो शामिल हैं, जो डिजिटल रूप से एडिट की गई पाई गईं। इसके अलावा बाबा के फरीदाबाद स्थित मानव रचना स्कूल को भेजे गए एक पत्र ने भी शक को और गहरा किया, जिसमें उसने खुद को ‘राज्यमंत्री’ बताया था। बाबा के पास से मिले विजिटिंग कार्ड पर भी उसने शिकागो यूनिवर्सिटी से एमबीए और “आध्यात्मिक गुरु” जैसे पदों का कर रखा था। इस सबने मिलकर उसके तथाकथित सम्मानित छवि की पोल खोल दी है।
रामकृष्ण मिशन से निष्कासन और आर्थिक गड़बड़ियां
बाबा का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि वह 1997 में रामकृष्ण मिशन से जुड़ा था, लेकिन वहां भी उसने अकाउंट में गड़बड़ी की। मिशन के अकाउंट रिकॉर्ड में छेड़छाड़ और हेराफेरी के आरोप में उसे 2002 में निकाल दिया गया था। उस समय भी उसके व्यवहार पर सवाल उठे थे, मगर उसने नया नाम और पहचान बनाकर फिर से अपनी छवि एक “धार्मिक गुरु” के रूप में गढ़ ली। धीरे-धीरे उसने अपने समर्थको का एक बड़ा नेटवर्क बना लिया और खुद को समाजसेवी और आध्यात्मिक नेता बताने लगा।
अश्लील चैट, पोर्न वीडियो और गंदी मानसिकता के सबूत
अब तक की जांच में पुलिस को बाबा के मोबाइल और लैपटॉप से कई चौंकाने वाले डिजिटल सबूत मिले हैं। कई युवतियों के साथ की गई उसकी अश्लील चैट्स सामने आई हैं, जिनमें वह समर्थको को बहकाने की कोशिश करता दिखा। इन चैट्स की भाषा इतनी भद्दी और आपत्तिजनक है कि उससे बाबा की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा, उसके आश्रम से पॉर्न वीडियोज़ की सीडी और सेक्स टॉय भी बरामद हुए हैं। इन सबूतों ने साफ कर दिया है कि आध्यात्मिकता का मुखौटा पहनकर वह वर्षों से गंदी हरकतों को अंजाम दे रहा था।
फिलहाल पुलिस उसकी संपत्ति, डिग्री और संपर्कों की जांच कर रही है। हर दिन नए खुलासों के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसे लोगों को “बाबा” बनने की छूट आखिर मिलती कैसे है। आने वाले दिनों में जांच यह साफ करेगी कि चैतन्यानंद सरस्वती ने अपने प्रभाव और छलावे का जाल कहां तक फैलाया था।
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