अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो फॉर्म 16 आपका सबसे जरूरी दस्तावेज है। ये आपकी कंपनी द्वारा दिया जाता है, जिसमें आपकी सैलरी, टैक्स डिडक्शन (TDS) और छूट की जानकारी होती है। अगर आपने साल के बीच में नौकरी बदली, तो पिछली कंपनी से भी फॉर्म 16 लेना जरूरी है। इसके अलावा, फॉर्म 26AS भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसे आप TRACES वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। ये दस्तावेज आपकी इनकम पर काटे गए TDS की पूरी जानकारी देता है, जैसे कि सैलरी, ब्याज या अन्य स्रोतों से। फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी आपके रिकॉर्ड से मेल खानी चाहिए, वरना टैक्स नोटिस का खतरा हो सकता है।
PAN और आधार कार्ड की अनिवार्यता
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आपका PAN कार्ड और आधार कार्ड लिंक होना जरूरी है। सरकार ने इसे अनिवार्य कर दिया है, और बिना लिंकिंग के आप ITR फाइल नहीं कर सकते। अगर आपने अभी तक PAN और आधार को लिंक नहीं किया है, तो जल्द से जल्द इसे कर लें। इसके अलावा, आपका बैंक खाता भी प्री-वैलिडेटेड होना चाहिए, ताकि टैक्स रिफंड सीधे आपके अकाउंट में आए। अगर आपने कोई गलती की, तो आप 31 दिसंबर 2025 तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसमें 1,000 से 10,000 रुपये तक की पेनल्टी लग सकती है।
निवेश और छूट के दस्तावेज
टैक्स बचाने के लिए आपने जो निवेश किए हैं, उनके प्रमाण जमा करना जरूरी है। अगर आपने PPF, ELSS, या लाइफ इंश्योरेंस में निवेश किया है, तो इनके रसीद या पासबुक की कॉपी रखें। सेक्शन 80C के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक की छूट ले सकते हैं। अगर आप किराए पर रहते हैं, तो HRA क्लेम करने के लिए किराए की रसीद और मकान मालिक का PAN (अगर किराया 1 लाख रुपये से ज्यादा है) जरूरी है। होम लोन की ब्याज राशि पर छूट के लिए लोन सर्टिफिकेट भी रखें। अगर आपने मेडिकल इंश्योरेंस लिया है, तो सेक्शन 80D के तहत छूट के लिए प्रीमियम की रसीद चाहिए।
AIS और अन्य इनकम के रिकॉर्ड
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) देता है, जिसमें आपकी ब्याज आय, डिविडेंड, शेयर बिक्री या विदेशी रेमिटेंस की जानकारी होती है। इसे इनकम टैक्स पोर्टल से डाउनलोड करें और अपनी ITR में दी गई जानकारी से मिलान करें। अगर आप फ्रीलांसर या बिजनेस पर्सन हैं, तो प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट और बैलेंस शीट भी तैयार रखें। अगर आपने GST रजिस्ट्रेशन करवाया है, तो GST रिटर्न की कॉपी भी जरूरी हो सकती है। इन दस्तावेजों को समय पर इकट्ठा करने से आपकी ITR फाइलिंग में कोई गलती नहीं होगी।
सही ITR फॉर्म का चयन
ITR फाइल करने से पहले सही फॉर्म चुनना बहुत जरूरी है। अगर आपकी आय 50 लाख रुपये तक है और सैलरी, एक मकान या ब्याज जैसे स्रोतों से है, तो ITR-1 (सहज) आपके लिए है। अगर आपके पास कैपिटल गेन्स हैं, तो ITR-2 या ITR-3 चुनें। ITR-4 उन लोगों के लिए है जो प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम के तहत बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम करते हैं। गलत फॉर्म चुनने से आपका रिटर्न खारिज हो सकता है। इनकम टैक्स पोर्टल पर प्री-फिल्ड डेटा उपलब्ध होता है, जिसे चेक करके आप सही जानकारी भर सकते हैं।
डेडलाइन और ई-वेरिफिकेशन
FY 2024-25 (AY 2025-26) के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है। अगर आप इस तारीख को चूक जाते हैं, तो 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसमें पेनल्टी देनी होगी। ITR फाइल करने के बाद 30 दिनों के अंदर ई-वेरिफिकेशन करना जरूरी है। ये आप आधार OTP, नेट बैंकिंग या इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) के जरिए कर सकते हैं। अगर आप समय पर वेरिफिकेशन नहीं करते, तो आपका रिटर्न अधूरा माना जाएगा और रिफंड में देरी हो सकती है।
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