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जयशंकर से मुलाकात के बाद बोले रुबियो, भारत अमेरिका का भरोसेमंद और अहम साझेदार

UNGA के 80वें सत्र में जयशंकर और रुबियो की मुलाकात से भारत-अमेरिका रिश्तों में नई ऊर्जा, व्यापार, रक्षा व वैश्विक स्थिरता पर सहयोग को मिली मजबूती।

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न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो की बैठक ने दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा दी। करीब एक घंटे चली इस बातचीत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने और आपसी साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया गया। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह संवाद न केवल द्विपक्षीय संबंधों बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी सहयोग की संभावनाओं को मजबूत करेगा। वहीं, रुबियो ने भारत को अमेरिका का अहम साझेदार बताते हुए व्यापार, ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्रों में साझेदारी को और बढ़ाने पर जोर दिया।

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तनाव के बीच संवाद की पहल

यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के बीच कुछ तनावपूर्ण मुद्दे उभरे थे। रूस से कच्चा तेल खरीदने पर ट्रंप प्रशासन की ओर से भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ ने दोनों देशों के व्यापार को प्रभावित किया। कुल मिलाकर 50% टैरिफ ने भारत-अमेरिका कारोबारी रिश्तों में चुनौती खड़ी की थी। इसके अलावा, H1B वीजा पर भारी शुल्क की घोषणा ने भारतीय आईटी और मेडिकल पेशेवरों के बीच चिंता बढ़ा दी थी। इन परिस्थितियों में जयशंकर और रुबियो की मुलाकात ने यह संदेश दिया कि दोनों देश मतभेदों के बावजूद आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

व्यापार समझौते की नई दिशा

इसी दौरान भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते पर भी चर्चाएं तेज हुईं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की। लक्ष्य है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 191 अरब डॉलर से बढ़कर 500 अरब डॉलर तक पहुंचे। हाल ही में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय की टीम भारत आई थी, जहां इस समझौते पर सकारात्मक बातचीत हुई। यह संकेत है कि आने वाले वर्षों में आर्थिक मोर्चे पर दोनों देशों की भागीदारी और मजबूत हो सकती है।

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बहुपक्षीय कूटनीति पर जोर

जयशंकर की यह यात्रा केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रही। उन्होंने यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों के साथ भी अनौपचारिक बैठक की और वैश्विक संकटों जैसे यूक्रेन युद्ध और गाजा की स्थिति पर चर्चा की। साथ ही, ऊर्जा और व्यापार जैसे विषयों पर भारत-यूरोपीय संघ सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। उन्होंने अमेरिकी राजदूत नामित सर्जियो गोर और फिलीपींस की विदेश सचिव टेरेसा पी. लाजारो से भी मुलाकात की। 27 सितंबर को जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से विश्व समुदाय को संबोधित करेंगे, जहां संभव है कि वह भारत की बहुपक्षीय दृष्टि और वैश्विक शांति पर अपने विचार प्रस्तुत करें।

Keywords India-US Relations, S. Jaishankar, Marco Rubio, Unga 80th Session, H1b Visa Issue, US-India Diplomacy, Global Stability,

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