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शिक्षक दिवस 2025: अपने शिक्षक के लिए भावनात्मक निबंध कैसे लिखें, आसान गाइड

5 सितंबर को मनाया जाने वाला शिक्षक दिवस के अवसर पर आप अपने Teacher’s के लिए लिख सकते हैं निबंध, हमारा यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा।

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Teacher’s Day Day : गुरु बिन भव निधि तरइ न कोई ।
जौ बिरंचि संकर सम होई ।।

रामचरितमानस की यह चौपाई बताती है कि गुरु के बिना जीवन की कठिनाइयों का सामना करना असंभव है। चाहे वह ब्रह्मा जी और शिव जी के समान ही क्यों न हो।

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शिक्षक का महत्व

धरती पर जब से जीवन की शुरुआत हुई, तभी से ज्ञान और मार्गदर्शन की आवश्यकता रही है। प्राचीन काल में गुरुकुल परंपरा के माध्यम से गुरु शिष्यों को न केवल शिक्षा देते थे, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते थे। भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर के समान माना गया है। यही कारण है कि कहा गया है, “गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।”

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान दार्शनिक, शिक्षाविद और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। जब वे राष्ट्रपति बने, तो उनके छात्रों और मित्रों ने उनका जन्मदिन विशेष रूप से मनाने की इच्छा जताई। इस पर डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि यदि उनका जन्मदिन सभी शिक्षकों के सम्मान का दिन बन जाए, तो उन्हें अधिक प्रसन्नता होगी। तभी से यह दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

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शिक्षक की भूमिका

शिक्षक केवल किताबों का ज्ञान नहीं देते, बल्कि हमें अनुशासन, मेहनत और ईमानदारी का महत्व भी समझाते हैं। वे हमें सही और गलत में अंतर करना सिखाते हैं तथा जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

आज के आधुनिक युग में शिक्षा का स्वरूप बदल चुका है। ऑनलाइन क्लास, डिजिटल प्लेटफॉर्म और नई तकनीक ने सीखने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। लेकिन तकनीक के बावजूद शिक्षक की भूमिका आज भी उतनी ही अहम है। वे छात्रों को न केवल ज्ञान देते हैं, बल्कि तकनीक का सही उपयोग करना भी सिखाते हैं, ताकि भविष्य और बेहतर बन सके।

शिक्षक समाज की रीढ़

शिक्षक समाज की नींव होते हैं। वे बच्चों को संस्कार, शिक्षा और जीवन मूल्य देकर एक बेहतर समाज की रचना करते हैं। यही कारण है कि शिक्षक दिवस केवल एक औपचारिक दिन नहीं, बल्कि यह अवसर है अपने गुरुओं को याद करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का।

शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में चाहे हम कितनी भी ऊँचाइयाँ क्यों न छू लें, उसके पीछे कहीं न कहीं हमारे गुरु का योगदान अवश्य होता है। शिक्षक वह दीपक हैं, जो स्वयं जलकर अपने शिष्यों के जीवन को उजाला देते हैं। इसलिए हर विद्यार्थी का कर्तव्य है कि वह अपने शिक्षकों का सम्मान करे और उनके बताए मार्ग पर चले।

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