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सिद्धि और सफलता की देवी माँ सिद्धिदात्री को खुश करने का मंत्र क्या है? नवमी पर ऐसे करें पूजा!

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी नवरात्रि का आखिरी दिन माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है। इस दिन सही तरीके से पूजा करने पर सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और सुख-सौभाग्य मिलता है।

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शारदीय नवरात्रि का नौवां और आखिरी दिन आज है। यह दिन माँ दुर्गा के नौवें रूप, माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है। हिंदू धर्म में इस दिन की पूजा बहुत खास मानी जाती है। अगर आप किसी कारण पूरे नवरात्रि के नौ दिन व्रत या पूजा नहीं कर पाए, तो सिर्फ नवमी की पूजा से आपको नौ दिनों का फल मिल सकता है। माँ सिद्धिदात्री हर काम को सफल बनाती हैं और कष्टों को दूर करती हैं। आइए जानें कि इस दिन पूजा कैसे करें और इसका महत्व क्या है।

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माँ सिद्धिदात्री कौन हैं

माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली देवी हैं। उनके एक हाथ में गदा, दूसरे में चक्र, तीसरे में कमल का फूल और चौथे में शंख होता है। वे शेर पर सवार रहती हैं। पुरानी कथाओं के अनुसार, जब राक्षस महिषासुर ने बहुत उत्पात मचाया था, तब सभी देवताओं के तेज से माँ सिद्धिदात्री प्रकट हुई थीं। उनकी पूजा से भगवान शिव ने आठ सिद्धियाँ पाई थीं, जिसके बाद उनका आधा शरीर देवी का हो गया और उन्हें अर्धनारीश्वर कहा गया।

आसान पूजा विधि

नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पूजा घर को साफ करें और माँ सिद्धिदात्री की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्ति पर साफ पानी छिड़कें। फिर फूल, रोली, चंदन, चावल, धूप और दीपक चढ़ाएं। माँ को चुनरी और मिठाई भी अर्पित करें। पूजा में मंत्र जाप बहुत जरूरी है। आप इस आसान मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें:

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“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ सिद्धिदात्री देव्यै नमः”

मंत्र जाप के बाद हवन करें। हवन से घर का माहौल शुद्ध होता है। अगर मंत्र जाप या हवन संभव न हो, तो सच्चे मन से प्रार्थना करें। माँ सिद्धिदात्री सच्ची श्रद्धा से प्रसन्न होती हैं।

कन्या पूजन का महत्व

नवमी के दिन कन्या पूजन बहुत शुभ होता है। नौ छोटी कन्याओं को घर बुलाएं। उनके पैर धोएं, उन्हें सम्मान दें और भोजन कराएं। कन्याओं को लाल चुनरी, मिठाई और फल भेंट करें। मान्यता है कि कन्याएँ माँ दुर्गा का रूप होती हैं। उनकी सेवा से माँ जल्दी प्रसन्न होती हैं। कन्या पूजन से घर में सुख और समृद्धि आती है।

माँ को प्रिय भोग

माँ सिद्धिदात्री को हलवा, पूड़ी और काले चने का भोग बहुत पसंद है। आप खीर, नारियल या सफेद मिठाई भी चढ़ा सकते हैं। मौसमी फल जैसे केला, सेब या अनार चढ़ाने से माँ और खुश होती हैं। भोग लगाने से पहले उसे साफ थाली में रखें और माँ को अर्पित करें। ऐसा करने से माँ आपकी हर मनोकामना पूरी करती हैं।

पूजा का फल

माँ सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को हर तरह की सिद्धियाँ मिलती हैं। उनके आशीर्वाद से रुके हुए काम पूरे होते हैं। घर में सुख, शांति और धन की कमी नहीं रहती। नवमी की पूजा से पूरे साल का सौभाग्य मिलता है। लोग मानते हैं कि माँ सिद्धिदात्री की कृपा से जीवन की हर मुश्किल आसान हो जाती है।

नवरात्रि का उत्साह

नवरात्रि का यह आखिरी दिन पूरे देश में उत्साह से मनाया जा रहा है। मंदिरों में भक्तों की भीड़ जमा है। लोग माँ के दर्शन और पूजा के लिए सुबह से लाइन में लगे हैं। घरों में भी पूजा और हवन का आयोजन हो रहा है। नवमी का दिन माँ के आशीर्वाद का सबसे खास दिन माना जाता है। फैंस सच्चे मन से माँ की पूजा कर रहे हैं।

KeywordsNavratri 2025, Maa Siddhidatri, Navami Puja, Hindu Festival, Kanya Pujan

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