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क्या मुख्तार अंसारी की तरह आजम खान को भी खत्म करने की थी साजिश? धीमा ज़हर देने के दावे से गरमाई सियासत

आजम खान ने सीतापुर जेल से रिहाई के बाद दावा किया कि उन्हें और उनके बेटे को धीमा जहर दिया गया। शाहिद सिद्दीकी के खुलासे ने यूपी की सियासत में तूफान ला दिया, बीजेपी पर गंभीर आरोप लगे।

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23 सितंबर 2025 को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। रिहाई के बाद उन्हें दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती किया गया। 28 सितंबर 2025 को पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी उनसे मिलने पहुंचे। सिद्दीकी ने फेसबुक पर बताया कि आजम खान ने जेल में उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला को धीमा जहर देने की बात कही। इस खुलासे ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी। आजम खान का कहना है कि उनकी सेहत को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया गया। यह दावा यूपी की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन गया है।

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जेल में खराब हुई सेहत

शाहिद सिद्दीकी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि आजम खान ने जेल के बुरे हालात के बारे में बताया। आजम ने कहा कि उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला को खाने में धीमा जहर दिया जा रहा था। जब उन्हें शक हुआ, तो उन्होंने जेल का खाना छोड़ दिया और खुद खाना बनाने लगे। सिद्दीकी के अनुसार, आजम की सेहत जेल में बहुत खराब हो गई। उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया। उन्हें इतनी छोटी कोठरी में रखा गया कि वहां चलना भी मुश्किल था। इस वजह से उनकी हालत और बिगड़ गई। सिद्दीकी ने बताया कि आजम खान ने इन हालात को अपनी जान को खतरे से जोड़ा।

मुख्तार अंसारी की मौत का डर

आजम खान का शक मार्च 2025 में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की जेल में अचानक मौत के बाद बढ़ गया। शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि आजम को लगता है कि उनकी और उनके बेटे की हत्या की साजिश उसी तरह रची गई, जैसे मुख्तार अंसारी के साथ हुआ। आजम ने सिद्दीकी को बताया कि उन्हें और उनके परिवार को खत्म करने की कोशिश की जा रही थी। हालांकि, आजम खान या उनके परिवार ने इस जहर के दावे को सार्वजनिक रूप से पुष्टि नहीं की। फिर भी, इस बयान ने सियासी हलकों में तनाव बढ़ा दिया है।

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परिवार पर बीजेपी का निशाना

शाहिद सिद्दीकी ने दावा किया कि आजम खान ने कहा कि बीजेपी उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटों को निशाना बना रही है। आजम का मानना है कि उनका पूरा परिवार बीजेपी के रडार पर है। 2017 से 2025 तक आजम और उनके परिवार के खिलाफ 111 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें धोखाधड़ी, जमीन हड़पने और आपराधिक साजिश के मामले शामिल हैं। आजम की पत्नी और बेटे अब्दुल्ला को भी कई बार जेल जाना पड़ा। सिद्दीकी ने कहा कि आजम को लगता है कि यह सब उनके परिवार को खत्म करने की साजिश है।

रिहाई का दिन और समर्थकों का हंगामा

23 सितंबर 2025 को आजम खान को सीतापुर जेल से रिहा किया गया। रामपुर कोर्ट ने 22 सितंबर को उनकी रिहाई का आदेश दिया था। उनके खिलाफ 79 आपराधिक मुकदमे थे, जिनमें सभी में जमानत मिल चुकी है। रिहाई के दिन सैकड़ों समर्थक और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जेल के बाहर जमा हुए। भीड़ ने सड़क जाम कर दी, जिसके चलते भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। आजम खान चुपचाप अपनी गाड़ी में बैठकर रामपुर चले गए। उनकी रिहाई ने पश्चिमी यूपी की सियासत में नई जान डाल दी।

कानूनी जंग का लंबा सिलसिला

आजम खान की कानूनी मुश्किलें 2017 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद शुरू हुईं। 2019 में उनके खिलाफ हेट स्पीच का पहला केस दर्ज हुआ। इसके बाद उनके, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ कई केस दर्ज हुए। 2019 में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में आजम, उनकी पत्नी और बेटे को सात साल की सजा हुई। तंजीन और अब्दुल्ला को पहले जमानत मिल गई, लेकिन आजम को जेल में रहना पड़ा। 2022 में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली, लेकिन 2023 में फिर जेल जाना पड़ा। उनकी रिहाई के बाद अब सबकी नजर उनकी अगली सियासी चाल पर है।

KeywordsAzam Khan Slow Poison Claim, Samajwadi Party Leader Release, Azam Khan Jail Health, Mukhtar Ansari Death Connection, UP Politics Controversy

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