हापुड़ जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको चौंका दिया। एक बेटे पर अपनी मां, पिता और पत्नी की हत्या कर सड़क हादसे का नाटक करने का इल्जाम है। उसका मकसद था बीमा कंपनियों से करोड़ों रुपये हड़पना। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी विशाल कुमार और उसके दोस्त सतीश को गिरफ्तार किया है। ये कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। आइए, इस घोटाले की पूरी सच्चाई जानते हैं।
पिता की मौत में छिपी साजिश
27 मार्च 2024 को विशाल कुमार ने दावा किया कि उनके पिता मुकेश सिंघल की गढ़ गंगा से लौटते वक्त सड़क हादसे में मौत हो गई। उसने बीमा कंपनी से 39 करोड़ रुपये मांगे। लेकिन पुलिस की जांच में सच सामने आया। डॉक्टरों की रिपोर्ट में चोटें हादसे से मेल नहीं खाती थीं। विशाल ने हादसा दिन में होने का दावा किया, जबकि रिकॉर्ड्स बताते हैं कि ये रात में हुआ। मुकेश की सालाना कमाई 12-15 लाख रुपये थी, फिर भी उनके नाम पर इतनी बड़ी बीमा पॉलिसी थी। बीमा कंपनी निवा बूपा ने शक होने पर हापुड़ पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने विशाल और सतीश को मोदीनगर रोड से पकड़ लिया और दोनों को जेल भेज दिया।
मां और पत्नी की मौत भी शक के घेरे में
पुलिस को जांच में और भी चौंकाने वाली बातें पता चलीं। विशाल ने पहले अपनी मां प्रभा देवी और पत्नी की मौत के बाद भी बीमा राशि ली थी। 21 जून 2017 को उसकी मां की पिलखुवा में सड़क हादसे में मौत हुई थी। विशाल ने कहा कि वह मां के साथ बाइक पर था और किसी गाड़ी ने टक्कर मार दी। इस हादसे से उसे 80 लाख रुपये मिले। उसकी पत्नी की मौत के बाद भी उसे 30 लाख रुपये का बीमा मिला। दोनों मामलों में बीमा कंपनियों को साजिश का शक था, लेकिन पहले गहरी जांच नहीं हुई। अब पुलिस इन पुराने मामलों को भी खंगाल रही है।
बीमा कंपनियों में डर का माहौल
विशाल ने टाटा एआईजी, मैक्स लाइफ, आदित्य बिड़ला और एचडीएफसी एर्गो जैसी बड़ी कंपनियों से पॉलिसी ली थी। उसकी कमाई और बीमा राशि में इतना बड़ा अंतर देखकर कंपनियां चौकन्ना हो गईं। जांच में पता चला कि विशाल ने फर्जी कागज जमा किए। हादसे में शामिल गाड़ी का नंबर तक नहीं दिया गया। कुछ गवाहों ने बताया कि उन्हें बयान देने के लिए पैसे मिले। निवा बूपा ने दावा किया कि विशाल ने जांच अधिकारी को रिश्वत देने की कोशिश की। इस मामले ने बीमा कंपनियों को सतर्क कर दिया है।
पुलिस की सख्त जांच
हापुड़ के सीओ सिटी वरुण मिश्रा ने बताया कि विशाल और सतीश ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। पुलिस को शक है कि ये एक बड़े गुनाह के नेटवर्क का हिस्सा है। मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई गिरोह फर्जी बीमा क्लेम के लिए काम कर रहे हैं। इनमें बीमा एजेंट, बैंक कर्मचारी और डॉक्टर भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने विशाल के बैंक खातों की जांच शुरू की, जिसमें 1 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही हो चुका है।
बड़ा नेटवर्क सामने आने की आशंका
पुलिस का कहना है कि ये सिर्फ एक मामला नहीं है। देश में कई गिरोह फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र और कागज बनाकर बीमा कंपनियों को ठग रहे हैं। हापुड़ पुलिस इस नेटवर्क के बाकी लोगों को पकड़ने की कोशिश में है। जांच में आधार और पैन कार्ड में उम्र की गड़बड़ी भी मिली। बीमा कंपनियां अब बड़े क्लेम की दोबारा जांच कर रही हैं। इस घोटाले ने लोगों में बीमा धोखाधड़ी को लेकर डर पैदा कर दिया है।
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